अपने दूतावासों में मौजूद भ्रष्टाचारों की रिपोर्ट देखने के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री (Pakistani prime minister) इमरान खान (Imran Khan) को भारतीय राजनयिक (Indian diplomat) अच्छे लगने लगे हैं। भारतीय दूतावासों (Indian Embassies) के कर्मचारियों को ज्यादा सक्रिय और अपने नागरिकों को बेहतर सेवाएं देने वाला बताते हुए इमरान ने बुधवार को विदेशों में मौजूद पाकिस्तानी दूतावासों के कर्मचारियों की कार्यशैली पर नाराजगी जताई।
इमरान ने दुनिया की विभिन्न राजधानियों में तैनात पाकिस्तानी राजदूतों के साथ वर्चुअल बैठक में उनकी जमकर खिंचाई की। इमरान ने उन्हें उदासीन रवैये और नियमित सेवाओं में अनावश्यक देरी करने वाला बताया।
खासतौर पर मध्य पूर्व के देशों में मौजूद पाकिस्तानी दूतावासों को उन्होंने नाकारा करार दिया। इमरान ने कहा, सऊदी अरब से मुझे मिले फीडबैक के मुताबिक हमारे कर्मचारी काम ही नहीं कर रहे।
कुवैत के नाडरा (नेशनल डाटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी) ऑफिस में तैनात कर्मचारी लोगों को गाइड करने के बजाय रिश्वत लेते हैं। इमरान ने कहा, यहां के एक अधिकारी के फर्जी दस्तावेज बनाने में शामिल होने की जानकारी मिली है और मैं ऐसी जानकारियों को पाने के बाद सदमे में हूं।
नाराज पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अपने दूतावासों को भारतीय दूतावासों का उदाहरण दिया और कहा कि वे अपने देश में निवेश लाने के लिए ज्यादा सक्रिय हैं और अपने नागरिकों को बेहतर सेवाएं भी उपलब्ध कराते हैं।
उन्होंने कहा, मुझे पाकिस्तान सिटीजन पोर्टल पर विभिन्न विभागों के खिलाफ बहुत सारी शिकायतें मिली हैं। यह पोर्टल इमरान सरकार ने देश में या विदेश में पाकिस्तानियों को सीधे प्रधानमंत्री तक अपनी शिकायत पहुंचाने की सुविधा देने के लिए शुरू किया था।
पिछले सप्ताह वापस बुला लिया था सऊदी से राजदूत
पाकिस्तान ने पिछले सप्ताह सऊदी अरब से अपने राजदूत और छह अन्य अधिकारियों को वापस इस्लामाबाद बुला लिया था। इन सभी के खिलाफ सऊदी अरब में काम करने वाले पाकिस्तानियों के दूतावास पहुंचने पर उनके साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप था। इसके बाद ही इमरान ने सभी राजदूतों की यह वर्चुअल बैठक आयोजित की थी।
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