वाशिंगटन (Washington)। भारत और अमेरिका (India and America) के रिश्ते पर भारतवंशी रो खन्ना (Bharatvanshi Ro Khanna) ने अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन (President Biden) के कार्यकाल में दोनों देशों के संबंध और मजबूत हुए हैं। खन्ना कांग्रेसनल इंडिया कॉकस (Congressional India Caucus) के सह-अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने रक्षा जगत, अर्थशास्त्र, वैकल्पिक ऊर्जा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग का जिक्र करते हुए कहा, बाइडन प्रशासन ने पिछले चार साल में भारत और अमेरिका के संबंधों को मजबूत बनाने की दिशा में कई अहम कदम उठाए हैं। रो खन्ना ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत ने बहुत प्रगति की है। तेज आर्थिक विकास, महत्वाकांक्षा और ढेर सारी ऊर्जा के साथ चुनौतियां भी हैं। आय और असमानता जैसी चुनौतियां हैं जिनका अमेरिका सामना कर रहा है।
नागरिकता संशोधन कानून पर भी बोले भारतवंशी सांसद
खन्ना ने कहा कि चुनौतियां जीवंत और बहुलवादी समाज के सामने हैं। भारत की महत्वाकांक्षाएं बहुत बड़ी हैं। एक सवाल के जवाब में भारतीय अमेरिकी सांसद ने कहा, वे नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का विरोध करते हैं। इसे इसी सप्ताह अधिसूचित किया गया था। उन्होंने कहा, ‘मैं सीएए का विरोध करता हूं और आप्रवासन के लिए बहुलवादी दृष्टिकोण का हिमायती रहा हूं।’
सात समंदर पार भारत और भारवंशियों की भूमिका को एक अन्य शीर्ष नेता ने भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका को भारत से आने वाले कुशल पेशेवरों और उच्च शिक्षा हासिल कर चुके अप्रवासियों की जरूरत है। पेंसिल्वेनिया के 8वें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट के प्रतिनिधि मैट कार्टराईट ने कहा, अमेरिका दुनियाभर के लोगों का स्वागत करता है। कार्टराईट हर साल ग्रीन कार्ड जारी करने में देशों पर लगाई गई सात फीसदी की सीमा हटाने की मांग का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत जैसे बड़े देशों को इस कोटे के कारण बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है।
नौकरी तलाश रहे भारतीयों को अमेरिका में मौका मिलना जरूरी
कार्टराईट ने कहा कि अमेरिकी कांग्रेस को ग्रीन कार्ड जारी करने पर लगे सात फीसदी का कोटा हटा देना चाहिए, क्योंकि इसके कारण भारत से आने वाले पेशेवरों को दशकों तक इंतजार करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि जब भारतीय लोग नौकरी की तलाश में हों तो उन्हें अमेरिका में प्रवास करने का मौका मिलना चाहिए। गौरतलब है कि ग्रीन कार्ड जारी करने में सभी देशों पर लागू सात प्रतिशत कोटा हटाने के लिए फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा (एफआईआईडीएस) सहित भारतीय अमेरिकी संगठन हर साल आवाज उठाते हैं। कार्टराईट इसका समर्थन करते हैं।
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