अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में इस बार भारतीयों ने खासी दिलचस्पी ली. इसका कारण था भारतीय मूल की सीनेटर कमला हैरिस का उप राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनना. वह अब अमेरिका की नई उप-राष्ट्रपति होंगी. हालांकि अब भी यह बात अधिकांश भारतीयों को नहीं पता है कि अमेरिका में भारतीय मूल के उम्मीदवारों ने 13 स्टेट असेंबली में 20 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया है. ये सीटें उन चार सीटों से अलग हैं, जो भारतीय मूल के लोगों ने संसद के चुनाव में जीती हैं, भारतीय मूल के लोगों ने सबसे बड़ी कामयाबी न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली के चुनाव में हासिल की है. यहां पहली बार भारतीय मूल के लोगों ने चार सीटें जीती हैं. भारतीय मूल के लोगों ने न्यूजर्सी, कनेक्टिकट और नॉर्थ कैरोलिना में दो-दो सीटें और अन्य राज्यों में एक-एक सीट जीती हैं.
जीते हुए 20 भारतवंशियों में से सिर्फ तीन ही राष्ट्रपति ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी से जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी से हैं.
स्टेट असेंबली चुनाव जीतने वाले भारतवंशियों में फिल्मकार मीरा नायर के बेटे जोहरान ममदानी भी शामिल हैं. उन्होंने न्यूयॉर्क राज्य विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की है.
कैलिफोर्निया में भारतीय मूल के अमी बेरा (55) पांचवीं बार जीते हैं. बेरा सबसे लंबे समय तक असेंबली सदस्य रहने वाले पहले भारतवंशी भी बन गए हैं.
कैलिफोर्निया से हीं ऐश कालरा तीसरी बार चुनाव जीती हैं।
डमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य राजा कृष्णमूर्ति (47) इलीनॉय में तीसरी बार जीते.
डेमोक्रेटिक पार्टी की पद्मा कुप्पा मिशिगन स्टेट में चुनाव जीतीं. वह यह चुनाव जीतने वाली पहली प्रवासी और हिंदू महिला बन गई हैं.
ओहियो से पहली बार कोई भारतीय स्टेट अंसबेली के लिए चुना गया. यहां से रिपब्लिकन पार्टी के नीरज अंतानी स्टेट असेंबली पहुंचे.
डेमोक्रेट की जेनिफर राजकुमार न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली के लिए चुनी जाने वाली पहली भारतीय मूल की महिला हैं. जेनिफर पेश से वकील हैं.
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