नई दिल्ली: रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक भारतीय उद्योग का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश जुलाई 2022 में 50 प्रतिशत से अधिक घटकर 1.11 बिलियन डॉलर हो गया है. आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (OFDI) पर, घरेलू कंपनियों ने जुलाई 2021 में इक्विटी, ऋण और गारंटी के रूप में 2.56 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया था.
अगर हम इस साल किए गए भारतीय कंपनियों के कुल निवेश को देखें तो 57.91 करोड़ डॉलर इक्विटी के जरिये निवेश किया गया है, जबकि 19.32 करोड़ डॉलर लोन के रूप में बांटे गए हैं. इसके अलावा, 33.74 करोड़ डॉलर अपने ओरसीज वेंचर को गारंटी के तौर पर दिए गए हैं. ये सभी निवेश आंकड़े जुलाई महीने के हैं.
ये हैं प्रमुख निवेशक
प्रमुख निवेशकों में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सिंगापुर में अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली ऊर्जा सहायक कंपनी में 16 करोड़ अमरीकी डालर, रिलायंस इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट्स एंड होल्डिंग्स ने यूके में खुदरा व्यापार में पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई में 40.74 मिलियन डॉलर और रवींद्र एनर्जी ने संयुक्त अरब अमीरात में अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई में 3.3 करोड़ डॉलर का निवेश किया. वहीं हाशम ट्रेडर्स ने यूएस में एक ज्वाइंट वेंचर में 32.71 मिलियन डॉलर का निवेश किया, जो एक फाइनेंशियल सर्विस से जुड़ी है.
आपको बता दें कि पिछले हफ्ते, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियमों को संशोधित किया था. नए नियम उन बिंदुओं की रूपरेखा तैयार करते हैं जो भारतीय स्टार्टअप्स को विदेशों में विस्तार करने, विदेशी स्टार्टअप्स के साथ साझेदारी में व्यवसाय बनाने में मदद करने और निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो का विस्तार करने की अनुमति देते हैं.
वहीं, इसी साल फरवरी में भारतीय उद्योग जगत का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 67 फीसदी घटकर 753.61 मिलियन डॉलर रह गया था. भारतीय कंपनियों का विदेशी बाजार में निवेश घटाने का सीधा संकेत दिख रहा है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में अभी सुस्ती का दौर है और कंपनियों को इन बाजारों से ज्यादा उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है.
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