Sharjah में रहने वाले एक भारतीय उद्योगपति डॉ. सोहन रॉय ने एक अनोखी पहल करते हुए यह फैसला किया है कि वो अपनी Arius Group of Companies में काम करने वाले लोगों की हाउस वाइव्स (House wives) को नियमित तौर पर वेतन देंगे. दरअसल कोरोना महामारी के दौरान काम को लेकर स्टाफ और उनके परिवार ने जो प्रतिबद्धता दिखाई है, उससे रॉय काफी प्रभावित हुए हैं और इसी वजह से उन्होंने इन लोगों को एक नए तरीके से इनाम देने का फैसला किया है।
फिलहाल कंपनी मैनेजमेंट अपने यहां काम करने वाले लोगों की पत्नियों का डाटाबेस जमा कर रही है। हाउस वाइव्स को दी जाने वाली सैलरी इस आधार पर तय की जाएगी कि उनके पति ने कितने सालों तक कंपनी में काम किया है। इस योजना को कंपनी जल्द ही आधिकारिक तौर पर लागू कर देगी।
हाउस वाइव्स को पे करने का ये आइडिया रॉय को कैसे आया? साल 2012 में उस वक्त की बाल एवं महिला विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने एक प्रस्ताव दिया था, जिसमें हाउस वाइव्स को सामाजिक तौर पर और ज्यादा सशक्त पहचान देने की बात कही गई थी। बीते दिसंबर माह में सुप्रीम कोर्ट ने दुर्घटना के लिए भरपाई से जुड़े एक फैसले में कहा था कि घर में काम करने वाली पत्नियों की अहमियत उनके काम करने वाले पतियों से कम नहीं है। कोर्ट की इसी बात को ध्यान में रखते हुए रॉय ने इसे वास्तविकता में बदल डाला. वास्तव में कोरोना महामारी में स्टाफ व उनकी पत्नियों के योगदान को पहचान दिलाने का इससे अच्छा तरीका नहीं हो सकता था।
बता दें कि वर्तमान में कंपनी अपने उन कर्मचारियों के माता-पिता को पेंशन की सुवधा भी मुहैया करा रही है, जिन्होंने यहां तीन साल की अवधि पूरी कर ली है। इसके साथ ही छात्रों के लिए वार्षिक छात्रवृत्ति भी कंपनी उपलब्ध कराती है
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