नई दिल्ली । भारत (India) और इंग्लैंड (England) के बीच हाल ही में समाप्त हुए दूसरे टेस्ट मैच (Test Match) में इंग्लैंड (England) के पतन का जिक्र करते हुए, क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने कहा कि भारतीय गेंदबाजी आक्रमण ने इंग्लैंड (England) की बल्लेबाजी को पूरी तरह से झटका दिया. टेस्ट के पांचवें दिन भारत के दिए निर्धारित 272 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड (England) का बल्लेबाजी क्रम 120 के स्कोर पर ढेर हो गया. जो रूट ने इंग्लैंड (England) की दूसरी पारी में सबसे ज्यादा 33 रन बनाए थे. इस बीच, मोहम्मद सिराज (Mohammad Siraj) ने इंग्लैंड की पहली पारी में 4/94 के बाद फिर से 32 रन देकर चार विकेट लिए.
एक इंटरव्यू में, सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने कहा कि जब इंग्लैंड (England) बल्लेबाजी करने आया तो भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण के बारे में इंग्लैंड की चिंता साफ थी. लॉर्ड्स में भारत (India) की तीसरी जीत के बारे में बात करते हुए तेंदुलकर ने कहा, जब मैंने जो रूट (Joe Root) को टॉस जीतकर भारत को बुलाते हुए देखा, तो मैं सच में हैरान था और मुझे ऐसा लगा कि अपने आप में ये एक संकेत था कि इंग्लैंड भारत के तेज गेंदबाजी आक्रमण को लेकर परेशान था. मैंने शुक्रवार सुबह लगभग 8 बजे एक दोस्त को मैसेज किया कि अगर मौसम हमारे साथ रहा तो हम ये टेस्ट मैच जीत रहे हैं.
इसके बाद में मुझे सतह सूखी लगने लगी. क्योंकि आपने देखा कि सिराज के उस नए स्पैल की पहली ही गेंद अच्छी लेंथ से लगी और रॉबिन्सन के सीने पर जा कर लगी. ये एक साफ संकेत था कि सतह बहुत ज्यादा सूख गई थी और इसलिए गेंद वहां से निकल गई. पहले गेंदबाजी करना इंग्लैंड के कप्तान का ठीक निर्णय नहीं था और इसका श्रेय हमारे सलामी बल्लेबाजों को जाता है, वे बहुत शानदार रहे.
इंग्लैंड की बल्लेबाजी के बारे में पूछे जाने पर, तेंदुलकर ने जवाब दिया, इंग्लैंड की टीम का पतन का एक इतिहास रहा है. मुझे लगा कि यहीं उन्होंने पकड़ खो दी और अगर आप उनकी बल्लेबाजी को देखें, तो कितने बल्लेबाज कह सकते हैं, ये खिलाडी बाहर आकर बड़ा शतक लगा सकता है? सच बोलूं तो इस टीम में मुझे रूट के अलावा और कोई ऐसा खिलाडी नजर नहीं आता जो शतक लगा सके. पिछले कई सालों की टीम में ऐसे कई खिलाड़ी थे, चाहे एलिस्टेयर कुक हों या फिर माइकल वॉन हो, या केविन पीटरसन, इयान बेल, जोनाथन ट्रॉट हों. इसलिए इंग्लैंड की अभी की टीम में रूट के अलावा मुझे कोई नहीं मिल रहा है, जो शतक लगा सके. आज उनकी बल्लेबाजी की यही स्थिति है. शायद यही एक वजह थी कि जो रूट ने पहले फील्डिंग को चुना था.
साथ ही पहले दिन 83 रनों की लड़ाई के लिए रोहित शर्मा की भी प्रशंसा की और भारतीय मध्य-क्रम के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे की ओर इशारा किया. आपको बताते चलें कि दोनों ने भारत की दूसरी पारी के स्कोर में 100 से अधिक रनों की साझेदारी की थी.
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