नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन बैंक ने अपनी दूसरी तिमाही (जुलाई-सितम्बर) के नतीजे पेश कर दिए हैं। बैंक का मुनाफा वित्त वर्ष 2020-21 की सितम्बर में समाप्त दूसरी तिमाही में 15 फीसदी बढ़कर 412.28 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष समान तिमाही में बैंक को 358.56 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। साथ ही बैंक की प्रोविजनिंग में भी बढ़त देखने को मिली है।
शेयर बाजारों को भेजी गई सूचना में बैंक ने कहा कि तिमाही के दौरान उसकी कुल आय बढ़कर 11,669 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 6,045 करोड़ रुपये रही थी। गौरतलब है कि इंडियन बैंक में 1 अप्रैल, 2020 से इलाहाबाद बैंक का विलय हुआ है। तिमाही नतीजों में इस विलय का भी असर पड़ा है।
इसके अलावा इस तिमाही के दौरान कुल ऋण पर बैंक की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बढ़कर 9.89 फीसदी हो गईं, जो एक साल पूर्व इसी तिमाही में 7.20 फीसदी थीं। हालांकि, बैंक का शुद्ध एनपीए भी घटकर 2.96 फीसदी रह गया है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 3.54 फीसदी था।
तिमाही के दौरान डूबे हुए कर्ज और अन्य आकस्मिक खर्च के लिए बैंक का प्रावधान बढ़कर 2,284.11 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 909.36 करोड़ रुपये था। इतना ही नहीं, सिर्फ डूबे कर्ज के लिए बैंक का प्रावधान 720.90 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,880.19 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। दूसरी तिमाही के खत्म होने तक प्रोविजन कवरेज रेश्यो भी बढ़कर 84.39 फीसदी के स्तर पर पहुंच गया है। (एजेंसी, हि.स.)
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