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Indian Army: भारतीय सेना की प्रमोशन की व्‍यवस्‍था में बदलाव; जानें कब से और किन पदों पर होगी लागू

January 04, 2025

नई दिल्‍ली । भारतीय सेना (Indian Army)ने अपने अधिकारियों के लिए प्रमोशन की व्यवस्था(The promotion system) में कुछ बदलाव किए हैं। अब सभी लेफ्टिनेंट जनरलों (Lieutenant Generals)की उनके प्रदर्शन के आधार पर ही मेरिट लिस्ट तैयार(Merit list is ready) की जाएगी। यह नई प्रणाली 31 मार्च से लागू होगी और इसका उद्देश्य मेरिट के आधार पर चयन को बढ़ावा देना है। यह नई व्यवस्था भारतीय सेना को एकीकृत थिएटर कमांड्स में सेवा देने वाले लेफ्टिनेंट जनरलों के चयन में मदद करेगा।

यह नई नीति लेफ्टिनेंट जनरलों के लिए संशोधित वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR) फॉर्म के तहत लागू की जाएगी। यह नई नीति सेना के 6 ऑपरेशनल कमांड्स और एक ट्रेनिंग कमांड के वाइस चीफ और कमांडर इन चीफ पर लागू नहीं होगी। आपको बता दें ऐसे आठ अधिकारी हैं जो लेफ्टिनेंट जनरल हैं, लेकिन वे अन्य थ्री-स्टार जनरलों से एक पायदान ऊपर हैं। भारतीय सेना में लगभग 11 लाख सैनिक हैं। सेना में 90 से अधिक लेफ्टिनेंट जनरल, 300 मेजर जनरल और 1,200 ब्रिगेडियर हैं।


मीडिया के सूत्रों ने के हवाले से बताया कि नई नीति भारतीय सेना को भारतीय वायुसेना (IAF) और भारतीय नौसेना से मेल खाने के लिए तैयार करेगी। सूत्र का कहना है, “अब तक लेफ्टिनेंट जनरलों के लिए कोई ACR प्रणाली नहीं थी। अब उन्हें विभिन्न गुणों के आधार पर 1 से 9 तक के पैमाने पर रेटिंग दी जाएगी। उनका प्रमोशन सिर्फ वरिष्ठता पर निर्भर नहीं होगी, बल्कि प्रदर्शन के आधार पर होगी। थिएटर कमांड्स के निर्माण के कारण सेना के शीर्ष पदों पर सभी तीनों सेवाओं के लिए एक समान मूल्यांकन प्रणाली की आवश्यकता थी।”

सेना मुख्यालय के पत्र में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि यह नीति वाइस चीफ और सेना के सात कमांडर-इन-चीफ के चयन पर भी लागू होगी या नहीं। मौजूदा सेना नीति के अनुसार, कमांडर-इन-चीफ के पद पर प्रमोशन पूरी तरह से वरिष्ठता पर निर्भर करती है। इसमें जन्म तिथि और उपलब्ध पदों का भी ध्यान रखा जाता है। एक लेफ्टिनेंट जनरल जिसने सेना के 14 कोर में से एक का नेतृत्व किया हो, उसकी सेवा कम से कम 18 महीने बची हो, ताकि उसे कमांडर-इन-चीफ के रूप में प्रमोट किया जा सके।

नई नीति को लेकर कुछ अधिकारियों द्वारा विरोध भी व्यक्त किया जा रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “बहुत कम अधिकारी सेना की कड़ी संरचना में प्रत्येक चरण में मेरिट के आधार पर तय होते हैं और थ्री स्टार जनरल बनते हैं। लेफ्टिनेंट जनरल के पद के बाद कमांडर-इन-चीफ पद पर प्रमोशन वरिष्ठता पर निर्भर थी। इस स्तर पर मेरिट को शामिल करने से हस्तक्षेप की संभावना बढ़ सकती है, चाहे वह राजनीतिक हो या कुछ और।”

आपको बताते चलें कि यह नीति ऐसे समय में लागू की जा रही है जब भारत ने चीन, पाकिस्तान और भारतीय महासागर क्षेत्र के लिए तीन थिएटर कमांड्स के लिए ब्लूप्रिंट को अंतिम रूप दिया है।

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