नई दिल्ली। भारतीय थल सेना (Indian Army) अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (line of actual control- LAC) पर सामरिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में अपने सैनिकों को विशेष प्रशिक्षण दे रही है ताकि पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध के बीच अपनी युद्धक तैयारियों को बढ़ावा (boost combat preparedness) दिया जा सके। इसके साथ ही सेना इस क्षेत्र में अपने जवानों का पुनर्संतुलन स्थापित कर रही है। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ दो साल से अधिक समय से चल रहे सैन्य गतिरोध के बीच सेना अपनी समग्र युद्ध तैयारियों को बढ़ावा देने के लिए ये उपाय कर रही है।
वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि सड़कों, पुलों और गोला-बारूद डिपो के निर्माण से लेकर अपने निगरानी तंत्र को मजबूत बनाने तक सेना एलएसी के पास पूर्वोत्तर के आरएएलपी क्षेत्र (शेष अरुणाचल प्रदेश) में सैनिकों को तुरंत लामबंद करने के लिए सैन्य बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी ला रही है। ‘2 माउंटेन डिवीजन’ के जनरल-ऑफिसर-कमांडिंग (जीओसी) मेजर जनरल एम. एस. बैंस ने कहा कि इस क्षेत्र में थल सेना का ध्यान पूरी तरह से उत्तरी सीमा की ओर है और उग्रवाद विरोधी सभी अभियान अब असम राइफल्स द्वारा चलाए जा रहे हैं।
मोबाइल नेटवर्क के विस्तार पर भी नजर
उन्होंने कहा कि सड़कों, पुलों, सुरंगों, हेलीपैड और अन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण सहित क्षमता विकास परियोजनाओं को निर्धारित समय-सीमा के तहत लागू किया जा रहा है, खासकर ऊपरी दिबांग घाटी क्षेत्र में। मेजर जनरल बैंस ने संवाददाताओं के एक समूह से कहा, ‘इस क्षेत्र में हमारी समग्र युद्ध तैयारियां उच्च कोटि की हैं।’ एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि किबिथू, वालोंग और हयुलियांग जैसे सामरिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में 4जी दूरसंचार नेटवर्क के विस्तार पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
चीन ने बड़ी संख्या में लगाए मोबाइल टावर
चीन ने एलएसी के पास अपनी ओर बड़ी संख्या में मोबाइल टावर लगाए हैं और कुछ क्षेत्रों में भारतीय फोन चीनी नेटवर्क को पकड़ लेते हैं। अधिकारियों ने बताया कि अन्य हितधारकों के साथ मिलकर सेना एक पंचवर्षीय योजना (2021-2025) के तहत दीर्घावधिक दृष्टिकोण के साथ क्षमताओं का विकास कर रही है तथा चीन के साथ एलएसी पर सतर्कता बढ़ाने के लिए बलों के पुनर्गठन, पुनर्संतुलन और प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
सेना भी नए हेलीपैड का कर रही निर्माण
उन्होंने बताया कि वायु सेना भी नए हेलीपैड के निर्माण और उन्नत लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) की क्षमताओं का विस्तार करने सहित अपने ढांचे को मजबूत कर रही है। एक अधिकारी ने कहा कि चीन बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी ला रहा है और हम भी तेजी से विकास करने की कोशिश कर रहे हैं।
सेना एलएसी के साथ सैनिकों के प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित कर रही
एक अधिकारी ने बताया, ‘असम, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और मणिपुर में समग्र कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है। इसलिए उग्रवाद विरोधी अभियान असम राइफल्स द्वारा चलाए जा रहे हैं और सेना एलएसी के साथ सैनिकों के प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित कर रही है।’
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