लेह। भारतीय सेना ने एयरटेल और बीएसएनएल (Airtel and BSNL) के सहयोग से लद्दाख के दूरदराज क्षेत्रों को 4जी (4G) तकनीक से जोड़ने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है. इस परियोजना के तहत, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के 20 से अधिक दुर्गम स्थानों में 4जी नेटवर्क स्थापित किया गया है। यह काम मौजूदा कार्य अवधि के दौरान पूरा किया गया, जो 13,000 फीट से अधिक की ऊंचाई और माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तक के कठिन मौसम में संभव हुआ। इनमें सीमावर्ती गांव और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के क्षेत्र शामिल हैं, जहां भारतीय सैनिक एक और कठोर सर्दी का सामना करने की तैयारी में हैं.
इस परियोजना को अंजाम देने के लिए कड़ी योजना और प्रयास किए गए. दुर्गम भौगोलिक स्थितियों, खड़ी पहाड़ियों और सीमित पहुंच ने इस काम को चुनौतीपूर्ण बना दिया, लेकिन सेना और एयरटेल ने इन बाधाओं को पार कर सफलता प्राप्त की.
4जी टावरों के लगाए जाने से न केवल स्थानीय निवासियों के लिए संचार व्यवस्था में क्रांति आएगी, बल्कि सामरिक संपर्क को भी मजबूत किया जाएगा. आपातकालीन सेवाओं और राहत कार्यों में भी यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इसके अतिरिक्त, यह परियोजना सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने, शिक्षा के अवसरों को सशक्त करने और आवश्यक सेवाओं की बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने में मददगार साबित होगी.
इस कार्य के तहत 4जी सैचुरेशन, यूएसओएफ योजना के अंतर्गत नए मोबाइल टावरों की स्थापना की गई है, जो विशेष रूप से सशस्त्र बलों के लिए हैं। इसके अलावा, कई पुराने 2जी/3जी टावरों को 4जी में अपग्रेड किया गया है। इस परियोजना के तहत बीते तीन महीनों में करीब 2000 सिम कार्ड को 4जी में अपग्रेड किया गया है और 9000 से अधिक नए 4जी सिम कार्ड की बिक्री हुई है।
बीएसएनएल लेह ने जम्मू-कश्मीर सर्कल में पहली बार मशीन-टू-मशीन कनेक्शन प्रदान किया है, जो पोलारिस मीटर रीडिंग कंपनी के लिए था। इसके अलावा लद्दाख विश्वविद्यालय को ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन कनेक्शन भी प्रदान किया गया है। लेह, नुब्रा, और करगिल जैसे दूरस्थ क्षेत्रों को फाइबर नेटवर्क के माध्यम से मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है, जिससे डिजिटल युग का विस्तार इन क्षेत्रों में हो रहा है।
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