नई दिल्ली। हाल ही में एक बार फिर चीन सीमा (china border) पर गलवान घाटी (Galvan Valley) और अरुणाचल के तवांग सेक्टर (Tawang sector of Arunachal) में चीनी सैनिकों (chinese soldiers) के साथ भिड़ंत में अद्वितीय वीरता दिखाने के लिए भारतीय सेना की जमकर तारीफ की जा रही है तो दूसरी ओर पड़ोंसी देशों से कैसे निपटा जाए इसकी भी भारतीय सेना (indian army) ने पूरी तैयारी कर ली है।
आपको बता दें कि भारत ने चीन और पाकिस्तान को परोक्ष रूप से चेतावनी दी है कि किसी भी आक्रामक कार्रवाई से निपटने और करारा जवाब देने के लिए भारतीय सेना पूरी तरह तैयार है।
जानकारी के लिए बता दें कि भारत अब विश्व की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो चुका है। हमें 1991 से तीन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में 31 वर्ष का समय लग गया। रक्षा क्षेत्र के लिए यह एक स्वर्णिम काल है, क्योंकि इस दौरान लड़ाकू विमान, विमानवाहक, युद्धक टैंक तथा हमलावर हेलीकॉप्टरों के निर्माण में अपनी क्षमताएं प्रदर्शित की हैं।
नई दिल्ली में फेडरेशन ऑफ इंडियन कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के 95वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत का दूसरे देशों की भूमि पर कब्जा करने का कोई इरादा नहीं है लेकिन अगर कोई बुरी दृष्टि डालने का प्रयास करता है तो देश हमेशा तैयार रहेगा। उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य एक महाशक्ति बनना है, जो दुनिया के कल्याण के लिए काम करे। उन्होंने कहा कि भारत अब विश्व की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो चुका है। हमें 1991 से तीन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में 31 वर्ष का समय लग गया। मुझे विश्वास है कि अगले सात वर्षों में ही तीन ट्रिलियन डॉलर जोड़े जा सकेंगे।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता भारत के बढ़ते कद का प्रमाण है। जी-20 की थीम ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के माध्यम से विकास की एक समावेशी और निर्णायक रुपरेखा निर्धारित की जाएगी। वसुधैव कुटुम्बकम और विश्व कल्याण की भावना से प्रेरित होकर प्रधानमंत्री ने आर्थिक और मानव विकास के लिए भारत के संकल्प को उन देशों के साथ साझा करने का निर्णय लिया है, जो अभी तक कोरोना महामारी से उबर नहीं पाए हैं। राजनाथ सिंह ने सरकार के उन सुधारों को रेखांकित किया, जिसने मजबूत, समृद्ध और आत्मनिर्भर ‘नवीन भारत’ की दिशा में एक लंबी छलांग लगाने के लिए आधार तैयार किया है।
सेना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उभरते खतरों की लगातार निगरानी और समीक्षा करती है। रक्षा मंत्रालय ने सालाना समीक्षा में बताया है कि एलओसी पर बीते साल फरवरी से भारत-पाकिस्तान की सेनाओं के बीच संघर्ष विराम की समझ के साथ स्थिति अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण रही। रक्षा मंत्रालय ने कहा, पाकिस्तान ने छद्म युद्ध बुनियादी ढांचे को बरकरार रखा है। सक्रिय आतंकी ट्रेनिंग कैंप, लॉन्च पैड्स में आतंकियों की मौजूदगी और लगातार घुसपैठ के प्रयास पड़ाेसी देश की नापाक मंशा को साबित करते हैं। यही नहीं, पाकिस्तान नशीले पदार्थो की तस्करी को भी प्रमोट करके देश के युवाओं को गुमराह करने की हरकतें करता रहा है। सीमापार से युवाओं को आतंक की राह पर धकेलने के लिए हथियार भी उपलब्ध कराए जाते हैं।
तो वहीं रक्षा मंत्रालय ने रिपोर्ट में कहा कि मिसाइलों के लगातार परीक्षण और उनकी मारक क्षमता बढ़ाने के प्रयासों को काफी सफलता मिली है। ब्रह्मोस मिसाइल के विस्तारित रेंज संस्करण के सफल परीक्षण, पृथ्वी-द्वितीय मिसाइल, अग्नि-4 और अग्नि-3 मिसाइलों के प्रक्षेपण से सेना और ताकतवर हुई है। समीक्षा में पनडुब्बी से लॉन्च की जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल आईएनएस अरिहंत के साथ स्वदेशी एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल ‘हेलिना’ के सफल परीक्षण का भी जिक्र है। 2020 में 4645 संघर्ष विराम उल्लंघन की तुलना में फरवरी 2021 के बाद से तीन ही ऐसी घटनाएं हुईं। इसमें 2022 में सिर्फ एक बार सीमापार से गोलीबारी हुई।
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