नई दिल्ली । पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर भारत और चीन के बीच तनाव दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है. भारतीय सेना ने रेजांगला के करीब रैकिन दर्रे पर कब्जा कर लिया है. भारतीय सेना चीन की ओर बढ़ते हुए कम से कम चार किलोमीटर चली गई है. भारत ने इस इलाके में दो सामरिक महत्व के पास यानि दर्रों पर अपना अधिकार जमा लिया है। ये दर्रे रेकिन पास और हैनान कोस्ट हैं।
बतादें कि हैनान कोस्ट पैंगोंगे त्सो लेक से सटा हुआ है (दक्षिण छोर पर). वहीं, रैकिन दर्रा तिब्बत और चीन के रैकिन ग्रेजिंग एरिया के बेहद करीब है. चुशुल से करीब 10-12 किलोमीटर की दूरी पर है. ये सब हाईट्स पर है, जहां से इस इलाकों को डोमिनट किया जा सकता है. भारत ने अपनी सीक्रेट, स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (एसएफएफ) को उस इलाके के बेहद करीब तैनात किया है जहां पैंगोंग-त्सो लेक के दक्षिण में ताजा विवाद हुआ है. इन इलाकों पर अधिकार जमाने में एसएफएफ की भी अहम भूमिका बताई जा रही है.
वहीं, दूसरी ओर भारतीय सेना ने फिलहाल इस पर कोई अधिकारिक जानाकारी साझा नहीं की है। भारतीय सेना के प्रवक्ता, कर्नल अमन आनंद के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख में चल रहे टकराव के चलते भारत और चीन के बीच जो सैन्य और राजनयिक स्तर पर जिस बात की सहमति बनी थी, चीनी सेना ने 29-30 अगस्त की रात उसका उल्लंघन किया. लेकिन भारतीय सेना ने चीनी सेना के इरादों को नाकाम कर दिया. कर्नल आनंद के मुताबिक, भारतीय सेना बातचीत के जरिए शांति कायम रखने चाहती है लेकिन अपनी अखंडता के लिए भी उतनी भी ही प्रतिबद्ध है.
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