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    LAC पर तनातनी के बीच 300 लॉजिस्टिक रफ टेरेन व्हीकल्स खरीदेगी सेना, जाने इनकी खासियत

  • January 04, 2023

    नई दिल्ली (new Delhi) । भारत और चीन (India and China) के बीच एक बार फिर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर तनातनी बढ़ी हुई है। इसे देखते हुए भारतीय सेना (Indian Army) की ओर से किसी भी आपात स्थिति से निकटने की तैयारियां तेज कर दी गई हैं। आर्मी ने 300 स्वदेशी लॉजिस्टिक रफ टेरेन व्हीकल्स (Logistics Rough Terrain Vehicles) खरीदने की योजना बनाई है, जिनका इस्तेमाल भारी चीजों के आवाजाही और मध्यम से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हताहतों की निकासी के लिए होगा। सैन्य मामलों के जानकार अधिकारियों ने बताया कि इन्हें खरीदने के लिए आपातकालीन खरीद के तहत फास्ट-ट्रैक प्रक्रिया लागू होगी।

    सेना की ओर से इन वाहनों की खरीद को लेकर बोलीदाताओं की भागीदारी के लिए अनुरोध प्रस्ताव (RFP) मंगलवार को सामने आया। इसमें बताया गया कि ये वाहन हेलीकॉप्टर ट्रांसपोर्टेबल होने चाहिए और इन्हें 16,000 फीट की ऊंचाई पर ऑपरेट किया जा सके। साथ ही ये बर्फ से ढके उबड़-खाबड़ इलाके में भी काम करने में सक्षम हों ताकि ये लास्ट-माइल डिलिवरी (LMD) टास्क को पूरा कर सकें।


    क्या होगी इन व्हीकल्स की खासियत
    आर्मी की योजना इन वाहनों को ऐसी जगह पर ऑपरेट करने की है जहां तापमान माइनस 20 डिग्री से लेकर प्लस 45 डिग्री सेल्सियस के बीच हो। इन व्हीकल्स में इनबिल्ट कोल्ड इंजन स्टार्ट सिस्टम का होना एक और अहम शर्त है। साथ ही इनका इंजन पावर और ऑपरेटिंग रेंज 30 HP और 100 किमी से कम नहीं होना चाहिए। अधिकारियों ने बताया कि इस तरह के वाहनों की तैनाती लद्दाख और ईस्टर्न सेक्टर में हो सकती है।

    सेना धीरे-धीरे अपनी क्षमताओं को कर रही अपग्रेड
    भारत की सेना चीन से लगने वाले इलाकों में धीरे-धीरे अपनी क्षमताओं को अपग्रेड कर रही है। इनमें आर्टिलरी गन, स्वार्म ड्रोन सिस्टम, लंबी दूरी के रॉकेट, दूर से संचालित हवाई प्रणाली और हाइली-मोबिलिटी प्रोटेक्टेड व्हीकल्स की उपलब्धता शामिल है। इसके साथ ही पर्वतीय युद्ध और भविष्य के पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों के लिए हल्के टैंकों के विकास पर भी जोर दिया जा रहा है।

    कॉन्टैक्ट साइन होने के 12 महीने के अंदर वाहनों की डिलीवरी
    RFP में बताया गया है कि न्यू लॉजिस्टिक्स रफ टेरेन व्हीकल्स में रोलओवर प्रोटेक्शन सिस्टम होना चाहिए। साथ ही इनकी सर्विस लाइफ कम से कम 9 साल या फिर 80,000 किमी तक चलने की हो। यह भी साफ कर दिया गया है कि इन वाहनों की डिलीवरी कॉन्टैक्ट साइन होने के 12 महीने के अंदर हो जानी चाहिए। इसके अलावा, इसमें इन व्हीकल्स के ऑपरेटर्स के लिए प्रोडक्टर सपोर्ट, इंजीनियरिंग सपोर्ट पैकेज, पुर्जों व ट्रेनिंग पैकेज का जिक्र किया गया है।

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