बीजिंग । चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिसरी ने दोनों देशों के बीच मौलिक सिद्धांतों के आधार पर आपसी समझ को प्रोत्साहित करने का आह्वान किया है। मिसरी ने यह बात भारतीय दूतावास द्वारा बीजिंग स्थित शिंहुआ विश्वविद्यालय के साथ मिलकर आयोजित की गयी चीनी विद्वानों की डिजिटल बैठक को संबोधित करते हुए कही।
भारतीय दूतावास में आयोजित दूसरे भारत-चीन गोलमेज बैठक में दोनों देशों के संबंध मामलों के विशेषज्ञ कई विद्वानों ने हिस्सा लिया। मिसरी का चीनी विद्वानों के साथ संवाद उन खबरों की पृष्ठभूमि में हुआ है जिसमें कहा गया है कि दोनों देशों के सैनिकों के बीच गतिरोध कम करने की प्रक्रिया में प्रगति नहीं हुई है।
इसकी उम्मीद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास गलवान घाटी में 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक के झड़प के बाद उत्पन्न हुई थी। भारतीय दूतावास ने सोमवार को ट्वीट किया, ”बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास ने शिंहुआ विश्वविद्यालय के साथ मिलकर दूसरा चीन-भारत गोलमेज 22 अगस्त को आयोजित किया।
राजदूत विक्रम मिसरी ने मुख्य भाषण दिया और हाल में द्विपक्षीय संबंधों को लेकर हुए घटनाक्रम पर भारत की स्थिति को रोखांकित किया” एक अन्य ट्वीट में कहा गया, ” चीनी विद्वानों के साथ संवाद में उन्होंने मौलिक सिद्धांतों के आधार पर आपसी समझ को प्रोत्साहित करने का आह्वान किया।
भारतीय दूतावास के अधिकारी ने कहा कि बंद कमरे में हुई बैठक दोनों देशों के संबंध में चीन के सभी विचारों तक पहुंचने की गतिविधि का हिस्सा है। हाल के हफ्तों में मिसरी ने सत्तारूढ़ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के वरिष्ठ अधिकारियों, चीनी सेना के वरिष्ठ जनरल से मुलाकात की थी और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के पूर्वी हिस्से में सीमा पर उत्पन्न स्थिति पर भारत के रुख से अवगत कराया था।
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