नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना लगातार अपने आप को मजबूत रखने के लिए अभ्यास करता रहता है। इसी क्रम में, उसने 16 से 23 जून तक रणविजय अभ्यास आयोजित किया। इस दौरान वायु सेना ने अपनी सभी ताकतों को प्रदर्शन किया।
सेना के एक अधिकारी ने बताया कि आठ दिन के रणविजय अभ्यास को यूबी हिल्स और सेंट्रल एयर कमांड एरिया ऑफ रिस्पॉन्सिबिलिटी में आयोजित किया गया था। इस अभ्यास में सेना ने दिन-रात नहीं देखा। उसने अपनी पूरी ताकत और सभी क्षमताओं का प्रदर्शन किया। भारतीय वायु सेना ने एकीकृत संचालन पर ध्यान केंद्रित किया गया था। उसने अभ्यास में इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताओं का प्रयोग करते हुए एकीकृत संचालन पर ध्यान केंद्रित किया था।
बहुराष्ट्रीय युद्धाभ्यास की तैयारियों में जुटा भारत
गौरतलब है, भारतीय वायुसेना बहुराष्ट्रीय हवाई युद्धाभ्यास का आयोजन करने वाला है। अभ्यास पश्चिमी रेगिस्तान में किया जाएगा। इसमें अमेरिकी सहित अन्य देशों की वायुसेना शामिल होगी। वायुसेना के एक अधिकारी ने हाल ही में बताया था कि बहुराष्ट्रीय युद्धाभ्यास का आयोजन इसी साल के आखिरी तिमाही में किया जाएगा। अभ्यास में 10 से 12 देशों की वायुसेना शामिल होंगी।
रेगिस्तान में आयोजित होने वाला बहुराष्ट्रीय अभ्यास वायुसेना के इतिहास में सबसे बड़ा होगा। बहुराष्ट्रीय युद्धाभ्यास में राफेल और सुखोई-30 मुख्य रूप से शामिल होंगे। इसके अलावा अन्य विमानों की ताकत का भी प्रदर्शन किया जाएगा।
वायु सेना, थल सेना ने मध्य क्षेत्र में संयुक्त अभ्यास किया
इस बीच वायु सेना ने मध्य क्षेत्र में थल सेना के साथ एक संयुक्त अभ्यास भी किया था। इसमें दोनों सेनाओं की अभियान संबंधी तैयारियों का जायजा लिया गया था। इससे पहले हिंद महासागर क्षेत्र में वायु सेना के दो रणनीतिक मिशन आयोजित किए गए, जिसमें राफेल और एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों ने हिस्सा लिया। बता दें कि कुछ दिन पहले वायु सेना के एसयू-30एमकेआई लड़ाकू विमानों के एक बेड़े ने हिंद महासागर क्षेत्र में एक रणनीतिक मिशन के तहत आठ घंटे का अभ्यास किया। इसी तरह चार राफेल विमानों ने अभियान को अंजाम दिया था।
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