नई दिल्ली: भारत, अरुणाचल प्रदेश में चीन बॉर्डर पर रोपवे चलाने की तैयारी कर रहा है. सड़क परिवहन मंत्रालय ने प्रोजेक्ट की स्डटी करा ली है और इसी वित्तीय वर्ष में काम अवार्ड करने की प्लानिंग है. इस प्रोजेक्ट से जहां इलाके में पर्यटन में वृद्धि होगी वहीं, सेना को भी बॉर्डर तक पहुंचाने में मदद मिलेगी. देश में कई धार्मिक और पर्यटन स्थ्लों पर रोपवे का निर्माण किया जा रहा है.
अरुणाचल प्रदेश के तवांग से तवांग मोनेस्ट्री तक रोपवे चलाया जाएगा. तवांग मोनेस्ट्री 17वीं शताब्दी की है जो देश की सबसे पुरानी और बड़ी मोनस्ट्री में से एक है. यहां पर पर्यटक प्राकृतिक सुंदरता और यहां की सस्ंकृति को देखने के लिए आते हैं. तवांग शहर समुद्रतल से 12000 फुट की ऊंचाई पर है.
रोपवे निर्माण करने वाली नेशलन हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया की कंपनी नेशनल हाईवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट के सीईओ ने कहा- तवांग मोनेस्ट्री को कनेक्ट करने के लिए 5.15 किमी. लंबा रोपवे का निर्माण कराया जा रहा है. यहां पर मोनोकेबल गंडोला तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. उन्होंने बताया कि रोपवे से 90 मिनट के बजाए 16 मिनट में पर्यटक मोनेस्ट्री पहुंचेंगे. इस रोपवे की क्षमता 10000 यात्रियों को रोजाना ढोने की होगी. इस प्रोजेक्ट के बिड आमंत्रित की गयी है और वित्तीय वर्ष 2024 में इसका काम अवार्ड करने की तैयारी है.
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