नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि म्यांमार और थाईलैंड सरकारों को (To the Governments of Myanmar and Thailand ) भूकंप की आपदा से निपटने के लिए (To deal with the Earthquake Disaster) भारत हर संभव मदद देगा (India will provide all possible Assistance) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार और थाईलैंड में आए शक्कितशाली भूकंप पर चिंता जाहिर की और दोनों सरकारों को हर संभव मदद देने का वादा किया है।
पीएम मोदी ने शुक्रवार को कहा, “म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति से चिंतित हूं। सभी की सुरक्षा और खुशहाली के लिए प्रार्थना करता हूं। भारत हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। इस संबंध में, हमने अपने अधिकारियों से तैयार रहने को कहा है। साथ ही विदेश मंत्रालय से म्यांमार और थाईलैंड की सरकारों के साथ संपर्क में रहने को कहा है।”
म्यांमार में शुक्रवार को 7.9 तीव्रता का भीषण भूकंप आया, जिसके 12 मिनट बाद ही 6.4 तीव्रता का आफ्टरशॉक महसूस किया गया। थाईलैंड में भी भूकंप के शक्तिशाली झटके महसूस किए गए। म्यांमार की राजधानी नेपीडॉ और सबसे बड़े शहर यंगून में भूकंप के बेहद शक्तिशाली झटके महसूस किए गए। रिपोर्टों से पता चला है कि मांडले क्षेत्र में कुछ इमारतें ढह गई हैं, मांडले और यंगून के बीच कई सड़कें क्षतिग्रस्त और टूट गई हैं। भूकंप से पच्चीस से अधिक लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए ।
बैंकॉक में, भूकंप के झटके महसूस होने पर स्थानीय लोग इमारतों से बाहर निकलकर सड़कों पर भागे। बैंकॉक पुलिस ने बताया कि शुक्रवार दोपहर को थाई राजधानी में 7.9 तीव्रता का भूकंप आने से एक निर्माणाधीन ऊंची इमारत ढह गई तथा तीन लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए ।
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में एक बहुमंजिला इमारत, जिसके ऊपर एक क्रेन थी, को धूल के गुबार में ढहती, जबकि वहां मौजूद लोग चीखते-चिल्लाते हुए भाग रहे हैं। बैंकॉक में ऊंची-ऊंची छतों पर बने पूलों से पानी बहकर किनारे पर आ गया और कई इमारतों से मलबा गिरने लगा। हालांकि इन वीडियो की प्रामाणिकता की तुरंत पुष्टि नहीं हो पाई।
अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप का केंद्र सागाइंग शहर से 16 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में था और इसकी गहराई 10 किलोमीटर थी। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज ने कहा कि भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर थी और इसका केंद्र मांडले शहर के पास था। पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों और चीन में भी झटके महसूस किए गए।
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