नई दिल्ली: भारतीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर (S. Jaishankar) उज्बेकिस्तान में होने जा रही शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे. यहां वह अपने पाकिस्तानी समकक्ष बिलावल भुट्टो से मुलाकात करेंगे. यह पहला मौका होगा, जब जयशंकर पाकिस्तान में नई सरकार के गठन के बाद भुट्टो से मुलाकात करेंगे. भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर उज्बेकिस्तान में होने जा रही शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे. यहां वह अपने पाकिस्तानी समकक्ष बिलावल भुट्टो से मुलाकात करेंगे. यह पहला मौका होगा, जब जयशंकर पाकिस्तान में नई सरकार के गठन के बाद भुट्टो से मुलाकात करेंगे.
उज्बेकिस्तान में होने जा रही विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत दो प्रमुख बैठकों में भाग लेगा. इन बैठकों में पहली एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक है. वहीं दूसरी बैठक अफगानिस्तान को लेकर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन होगा. अफगानिस्तान पर सम्मेलन 25 और 26 जुलाई को हो रहा है, जबकि विदेश मंत्री की बैठक 28 और 29 जुलाई को होगी.
गौरतलब है कि पाकिस्तान में शहबाज शरीफ के नेतृत्व में नई सरकार के गठन के बाद बिलावल ने भारत के साथ फिर से मैत्री संबंध बनाने की चाहत जताई थी. हालांकि, एससीओ के इतर भारत-पाकिस्तान की द्विपक्षीय बैठक के अभी तक कोई संकेत नहीं हैं. जहां तक पाकिस्तान के साथ बात का विषय है, भारत ने लगातार कहा है कि आतंक और बातचीत एक साथ नहीं हो सकते.
इस बीच, SCO में जयशंकर की भागीदारी की अभी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. बैठक में चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी शामिल होंगे. पूर्वी लद्दाख में एलएसी के साथ गतिरोध को हल करने के लिए भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच हाल ही में हुई 16वें दौर की वार्ता के परिणाम की समीक्षा के लिए जयशंकर चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक कर सकते हैं.
ऐसे में अगर दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता होती है तो चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच संभावित मुलाकात का रास्ता भी साफ हो सकता है. दोनों नेताओं के उज्बेकिस्तान के समरकंद में 15 और 16 सितंबर को एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने की उम्मीद है.
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