हिरोशिमा (Hiroshima)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) जापान (Japan) के हिरोशिमा (Hiroshima) में चल रही जी-7 देशों की बैठक में हिस्सा ले रहे हैं. हिरोशिमा में पीएम मोदी के लिए शनिवार (20 मई) के दिन भारत (India) का जलवा दिखा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दुनिया के 6 से ज्यादा बड़े देशों (6 big countries of the world) के साथ द्विपक्षीय मुलाकातें (bilateral meetings) हुईं. इसके साथ ही उन्होंने जी-20 और क्वाड (QUAD) को लेकर भी चर्चा की।
पीएम मोदी ने बताया कि अगले साल क्वाड (QUAD Meeting) की मेजबानी (presidency) भारत कर रहा है. क्वाड को लेकर एक चर्चा चल रही है कि अगले साल 26 जनवरी को भारत के सलामी मंच पर क्वाड देशों के नेता भारत के मंच पर नजर आ सकते हैं. विशेषज्ञों ने इसे बहुत ही महत्वपूर्ण बताया है।
बैठक में भारत देगा दुनिया को संदेश
रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल (रिटायर्ड) अश्विनी सिवाच ने कहा कि इसका बड़ा असर होगा. उन्होंने कहा कि जैसे जी-20 की मेजबानी के दौरान भारत ने दुनिया के देशों को भारत को दिखाया है और उनके विचारों को बदला है. ऐसे ही क्वाड की अध्यक्षता आएगी तो भारत एक पीसमेकर का काम करेगा. भारत चारों देशों को लेकर ये दिखाने की कोशिश करेगा कि किस तरह से पूरी दुनिया शांति की ओर जा सकती है।
चीन की दादागिरी सभी के लिए खतरा
उन्होंने कहा कि चीन की दादागिरी इस क्षेत्र के लिए खतरा है. अगर इस इलाके में शांति चाहिए, विकास चाहिए, इंडोनेशिया, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रूनेई जैसे छोटे-छोटे देश चीन से परेशान है, वो एक ही तरीके से हल हो सकता है, वो तरीका है मिल बैठकर बातचीत से हल करने का है।
सिवाच ने कहा, भारत ने एक संदेश दिया है कि शांति आनी चाहिए और यह डायलॉग और डिप्लोमेसी से आनी चाहिए. क्वाड में भी भारत चीन की दादागिरी के खिलाफ है. भारत सिर्फ चीन के लिए ही नहीं है, वह डिजास्टर मैनेजमेंट, क्लाइमेट चेंज की भी बात कर रहा है और इस तरह से भारत ने क्वाड में काफी बदलाव किया है।
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