नई दिल्ली । विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) कोवैक्स सुविधा (Covax Facility) के माध्यम से भारत को कोविड -19 (Covid-19) के खिलाफ 97.1 मिलियन टीके मिल सकते हैं. 3 फरवरी को प्रकाशित कोवैक्स के अंतरिम वितरण पूर्वानुमान में यह संकेत दिया गया है. टीके पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के होंगे, जो भारत ने 16 जनवरी से देश में शुरू हुए टीकाकरण के पहले चरण के लिए खरीदे हैं. ये खुराक भारत के पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ सीधे सौदे से इतर होगी क्योंकि यह कोवैक्स सुविधा द्वारा दी जा रही है, जिसमें कि दुनिया के कई दूसरे देश कवर किए जा रहे हैं.
खुराक की मात्रा जनसंख्या के आकार के अनुपात में होती है। दस्तावेज़ के अनुसार, पाकिस्तान को 17.2 मिलियन, नाइजीरिया को 16 मिलियन, इंडोनेशिया को 13.7 मिलियन, बांग्लादेश को 12.8 मिलियन और ब्राज़ील को 10.50 मिलियन खुराकें मिलेंगी. बता दें कोवैक्स को वैक्सीन राष्ट्रवाद का मुकाबला करने के लिए स्थापित किया गया था, जो निम्न-आय वाले देशों की स्थिति को ध्यान में रखता है जो वैश्विक वैक्सीन की दौड़ में पीछे रह सकते हैं. यह गेवी, द वैक्सीन एलायंस, डब्ल्यूएचओ और महामारी संबंधी तैयारी नवाचारों के लिए गठबंधन द्वारा समर्थित है।
भारत को मिलेंगी इतनी खुराकें
कोवैक्स ऑक्सफोर्ड वैक्सीन और फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन का वितरण करेगा लेकिन भारत को सुविधा से ऑक्सफोर्ड वैक्सीन मिलेगी.
इसके दस्तावेज़ के अनुसार, यह ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की 240 मिलियन खुराक वितरित करेगा जिसका साइसेंस सीरम इंस्टीट्यूट के पास है, गेवी और एस्ट्राज़ेनेकैम के बीच अग्रिम खरीद समझौते के तहत एस्ट्राज़ेनेका-ऑक्सफ़ोर्ड वैक्सीन की 96 मिलियन खुराक और फाइज़र वैक्सीन की 1.2 मिलियन खुराक दी जाएंगी. यह डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन उपयोग लाइसेंस के आधार पर फरवरी के अंत में शुरू होने वाले अनुमानित कोवैक्स के तहत पहला टीका वितरण होगा.
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