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नव वर्ष 2023 में वैश्विक पटल पर छाया रहेगा भारत

December 31, 2022

नई दिल्ली। वर्ष 2022 (year 2022) का आज आखिरी दिन (today last day) है। कल से एक नए साल का आगाज (new year start) होगा। लोग अपने-अपने तरीके से स्वागत की तैयारी कर रहे हैं। नए साल के लिए नई योजनाएं बना रहे हैं। नया साल भारत (India) के लिए शानदार रहने वाला है। भारत वैश्विक पटल (global platform) पर छाया रहेगा। नये साल की दस्तक से ठीक एक महीने पहले भारत ने पहली बार जी-20 की अध्यक्षता (Chairmanship of G-20) हासिल की है। बैठकों के आयोजनों का सिलसिला आरंभ हो चुका है। नये साल के दौरान देश के कम से कम पचास शहरों में छोटे-बड़े कुल 200 कार्यक्रम आयोजित होने हैं।

9-10 सितंबर को आयोजित होने वाले शिखर सम्मेलन में जी-20 देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी भारत आंएंगे। जी-20 देश दुनिया की 80 फीसदी अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करते हैं, इसलिए नये साल में भारत न सिर्फ जी-20 देशों के केंद्र में रहेगा बल्कि पूरे विश्व पटल पर छाया रहेगा। इस आयोजन के जरिये भारत विभिन्न क्षेत्रों में की गई अपनी प्रगति का प्रदर्शन भी करेगा जिससे भारत को लेकर दुनिया के कई देशों को अपना नजरिया बदलना पड़ सकता है।


विदेश मंत्रालय में सचिव रहे अनिल वाधवा कहते हैं कि जिस प्रकार से जी-20 का फोकस विकास है और उसमें भी भारत का उद्देश्य ग्लोबल साउथ पर फोकस करना है जिसमें एशिया शामिल हैं, यह महत्वपूर्ण है। जी-20 देशों में अभी तक बड़े देशों का ही दबदबा रहा है और वह उन्हीं के तय एजेंडे पर चलता रहा है। लेकिन अब इंडोनेशिया के बाद भारत को इसके आयोजन का जिम्मा मिला है और भारत चाहता है कि ग्लोबल साउथ पर फोकस बढे क्योंकि इस क्षेत्र के देशों की अर्थव्यवस्थाएं तेजी से बढ़ रही हैं। इसलिए भारत का फोकस डिजिटलाइजेशन, फाइनेंसियल इंक्लूजन, क्लाईमेट चेंज जैसे मुद्दों पर कार्य को आगे बढ़ाने की होगी। जी-20 के फाइनेंस ट्रैक में होने वाली बैठकों में इन मुद्दों पर चर्चा होगी। इनमें से कई मुद्दे पहले से भी चले आ रहे हैं लेकिन उन पर कोई ठोस निर्णय अब तक नहीं हुआ। इसलिए इन मुद्दों पर निर्णायक पहल होगी तो भारत की कूटनीति का लोहा पूरी दुनिया मानेंगे।

यह भारत की दूरर्शिता है कि उसने जी-20 के आयोजन की थीम एक धरती, एक परिवार और एक भविष्य रखा है। इसमें भारत की वसुधैव कुटुम्बकम की भावना प्रदर्शित होती है। भारत को दुनिया को यह भी दिखाएगा कि वह एक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था ही नहीं है बल्कि उसके पास दुनिया को एक मंच या एक परिवार के साथ लाने का मंत्र भी है। इसी प्रकार विभिन्न शहरों में जी-20 के कार्यक्रमों के आयोजन के जरिये भारत ने दुनिया को अपनी संस्कृति, सभ्यता और गौरवशाली इतिहास से भी परिचय कराने की तैयारी की है। इससे भारत को लेकर दुनिया की समझ बढ़ेगी।

इसके अलावा भारत स्टार्टअप के क्षेत्र में हुई प्रगति को भी रखेगा। देश में आज करीब 80 हजार स्टार्टप कार्य कर रहे हैं, इनमें से कई यूनिकान भी बन चुके हैं। किसी देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम निर्मित होने से उस देश में निवेश आने की संभावनाएं बढ़ती हैं। इसलिए इस आयोजन के जरिये भारत दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से नये निवेश को भी आकर्षित करने की जमीन तैयार करेगा।

एक बात और यदि नये साल में कोविड के मामले बढ़ते हैं तो भारत दवाओं, टीकों के जरिये पूर्व की भांति दुनिया के कई देशों को मदद कर सकेगा। पूर्व में अपनी निजी जरूरतों के बावजूद भारत ने सौ देशों को टीके एवं दवाओं की आपूर्ति की थी। लेकिन आज भारत में टीकाकरण करीब-करीब पूरा हो चुका है, इसलिए आज वह दुनिया की पहले से ज्यादा मदद करने की स्थिति में है।

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