दुबई। पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप के सुपर-4 में हारने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम मंगलवार (छह सितंबर) को श्रीलंका के खिलाफ उतरेगी। दोनों टीमों का सुपर-4 में यह दूसरा मुकाबला होगा। एक तरफ अफगानिस्तान के खिलाफ मिली जीत से श्रीलंका के हौसले बुलंद हैं तो दूसरी ओर पाकिस्तान से हार के बाद टीम इंडिया पर वापसी करने का दबाव होगा। इस मैच में अगर टीम हारती है तो फाइनल में पहुंचने की राह कठिन हो जाएगी।
आंकड़ों में देखें तो टीम इंडिया पिछले तीन मैचों में श्रीलंका से जीती है। उसे पिछली हार जुलाई 2021 में मिली थी। श्रीलंका से भारत 17 मैच जीता है। वहीं, सात मुकाबलों में उसे हार मिली है। एक मैच में नतीजा सामने नहीं आया। भारतीय टीम ने श्रीलंका को इसी साल फरवरी में तीन टी20 मैचों की सीरीज में 3-0 से हराया था। वह जीत के इस क्रम को जारी रखने के इरादे से दुबई में उतरेगी।
टीम इंडिया ने पाकिस्तान के खिलाफ वही गलतियां दोहराई जिसे उसे ठीक करना था। ओपनर केएल राहुल और रोहित शर्मा बड़ी पारी नहीं खेल पाए। दोनों अच्छी शुरुआत के बाद पवेलियन लौट गए। वहीं, गेंदबाजों ने एक बार फिर जमकर रन लुटाए। भुवनेश्वर कुमार, हार्दिक पांड्या और युजवेंद्र चहल ने 10 से ज्यादा की इकोनॉमी से रन दिए। अब टीम इंडिया को श्रीलंका के खिलाफ मैच में भारत को इन कमजोरियों को ठीक करना होगा…
राहुल उठानी होगी जिम्मेदारी
रोहित और राहुल ने पाकिस्तान के खिलाफ आक्रामक शुरुआत की। दोनों ने 5.1 ओवर में 54 रन की साझेदारी की। रोहित ने 16 गेंद पर 28 और राहुल ने 20 गेंद पर 28 रन बनाए। अच्छी शुरुआत के बाद खराब शॉट खेलकर दोनों ने विकेट गंवा दिया। राहुल की बात करें तो वह आईपीएल के बाद चोटिल हो गए थे। करीब ढाई महीने तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर रहे।
जिम्बाब्वे के खिलाफ वनडे सीरीज में उन्होंने वापसी की। वहां फेल रहे थे। इसके बावजूद कप्तान रोहित शर्मा ने उनके ऊपर भरोसा जताया और एशिया कप के दोनों मैचों में मौका दिया। पाकिस्तान के खिलाफ वह खाता नहीं खोल सके और हॉन्गकॉन्ग के खिलाफ 39 गेंद पर 36 रन बनाकर आउट हुए। श्रीलंका के खिलाफ उनसे बड़ी पारी की उम्मीद है।
रोहित को खेलनी होगी बड़ी पारी
राहुल की तरह रोहित भी फॉर्म में नहीं दिख रहे। शॉट अच्छे लगा रहे हैं, लेकिन बड़ी पारी नहीं खेल पा रहे। रोहित पाकिस्तान के खिलाफ 18 गेंद पर 12 रन बनाकर आउट हुए थे। उसके बाद हॉन्गकॉन्ग के खिलाफ अच्छी शुरुआत की, लेकिन उसे बड़ी पारी में नहीं बदल पाए। 13 गेंद पर 21 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। सुपर- 4 में भी रोहित ने पुरानी गलती दोहराई। रोहित लगातार छठे टी20 में अर्धशतक नहीं लगा पाए हैं। उन्हें टूर्नामेंट के अहम चरण में अब लंबी पारियां खेलनी होगी।
रोहित पर सही प्लेइंग-11 चुनने का दबाव
रोहित ने पाकिस्तान के खिलाफ मैच में तीन बदलाव किए। रवींद्र जडेजा चोटिल होने के कारण बाहर हुए। आवेश खान बीमार थे और दिनेश कार्तिक को बाहर किया गया। रोहित ने दीपक हुड्डा, रवि बिश्नोई और हार्दिक पांड्या को टीम में तो चुन लिया, लेकिन सही संतुलन नहीं बना पाए। उन्हें मैच में एक गेंदबाज की कमी खली। हुड्डा को चुनने के बावजूद उनसे गेंदबाजी नहीं कराई। वह पार्टटाइम ऑफ स्पिनर हैं।
जडेजा की कमी टीम को खली। जडेजा की जगह अगर रोहित टीम में अक्षर पटेल को चुनते तो संतुलन ठीक होता। अक्षर गेंदबाजी के साथ-साथ उपयोगी बल्लेबाजी भी कर सकते हैं। पंत वनडे और टेस्ट में भारत के नंबर-1 के विकेटकीपर बल्लेबाज हैं, लेकिन टी20 में उनका फॉर्म लंबे समय से खराब है। उन्हें लेकर रोहित को फैसला करना होगा।
गेंदबाजों को लगानी होगी लगाम
पिछले दो मैचों में टीम के गेंदबाजों ने निराशाजनक प्रदर्शन किया है। कमजोर हॉन्गकॉन्ग के खिलाफ भी गेंदबाजों ने रन लुटाए थे। वहीं, पाकिस्तान के खिलाफ तो ऐसा लगा कि उन्हें अपनी गेंदबाजी पर कंट्रोल ही नहीं है। भुवनेश्वर कुमार, युजवेंद्र चहल और हार्दिक पांड्या जैसे अनुभवी खिलाड़ियों ने 10 से ज्यादा की इकोनॉमी से रन दिए। डेथ ओवरों में खराब गेंदें की। इसका खामियाजा टीम को भुगतना पड़ा। गेंदबाजों को रन रोकने पर ध्यान देना होगा।
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