नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि भारत अगले दो वर्षों में ‘टोल बूथ मुक्त’ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने देश भर में वाहनों की बिना रुकावाट आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए जीपीएस-आधारित (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) प्रौद्योगिकी टोल संग्रह को अंतिम रूप दे दिया है।
गडकरी ने यहां वाणिज्य उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वाहनों की आवाजाही के आधार पर टोल राशि सीधे बैंक खाते से काट ली जाएगी। हालांकि अब सभी वाणिज्यिक वाहन ट्रैकिंग सिस्टम के साथ आ रहे हैं, सरकार पुराने वाहनों में जीपीएस तकनीक स्थापित करने के लिए कुछ योजना लेकर आएगी।
मंत्री ने उम्मीद जताई कि अगले साल मार्च तक टोल संग्रह 34,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। गडकरी ने बताया, टोल संग्रह के लिए जीपीएस तकनीक का उपयोग करके, अगले पांच वर्षों में टोल आय 1,34,000 करोड़ रुपये होगी।
गडकरी ने कहा कि औद्योगिक विकास भारत में रोजगार सृजन और गरीबी उन्मूलन के लिए महत्वपूर्ण है। वर्तमान में, उद्योग भारत में शहरी क्षेत्रों में केंद्रीकृत है। उन्होंने कहा कि उद्योग के विकेंद्रीकरण से विकास दर को बढ़ावा देना अत्यावश्यक है क्योंकि बढ़ते शहरीकरण से शहरों में गंभीर समस्याएं पैदा हो रही हैं। उन्होंने बुनियादी ढांचे के विकास में सार्वजनिक-निजी निवेश को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
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