नई दिल्ली: चीन (China) और पाकिस्तान (Pakistan) की ओर से जारी संयुक्त बयान (Joint statement0 में जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के जिक्र को लेकर भारत (India) ने कड़ी आपत्ति जताई है। भारत ने इस तरह के ब्योरे को गैर-जरूरी बता कर निराधार करार दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को एक नोट जारी कर कहा, 17 जून 2024 को जारी किए गए संयुक्त बयान में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के जिक्र को हमने देखा है। हम इस तरह के किसी भी गैर-जरूरी जिक्र को खारिज करते हैं।
‘जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ लद्दाख भारत का अभिन्न अंग’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत का रुख निरंतर सबके सामने रहा है। जम्मू-कश्मीर के साथ साथ लद्दाख भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा। भारत ने साफ और कड़े शब्दों में कहा कि इस मामले में किसी दूसरे देश के कोई पक्षकार होने की योग्यता नहीं है। विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि यह साझा बयान कथित चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के तहत प्रोजेक्ट्स और गतिविधियों की भी बात करता है। जबकि इसमें से कुछ प्रोजेक्ट्स भारत की संप्रभु जमीन पर हैं, जिस पर पाकिस्तान का जबरन अवैध कब्जा है।
भारत ने चीन को सुना दी खरी-खरी
विदेश मंत्रालय ने दो टूक कहा कि ऐसे में भारत दूसरे देशों की ओर से इस तरह की हरकत और गतिविधि का विरोध करता है, जिसके जरिए पाकिस्तान के अवैध कब्जे को मान्यता देने की कोशिश की जाती हो। इससे भारत की क्षेत्रीय संप्रभुता और अखंडता प्रभावित होती है।
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