नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति (us President) डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की ओर से रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariff) पर 90 दिनों की रोक के समय के साथ, भारत (India) और अमेरिका (US) दोनों ही देश लंबे समय से प्रतीक्षित व्यापार समझौते के लिए शर्तों को मजबूत करने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, India-US Trade वार्ता अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है. इस द्विपक्षीय वार्ता में 19 अध्याय शामिल किए गए हैं और इनपर बातचीत 23 अप्रैल से शुरू होने की उम्मीद है.
गौरतलब है कि इस साल मार्च 2025 से ही भारत और अमेरिका चरणबद्ध व्यापार समझौते की दिशा में काम कर रहे हैं, जिसका लक्ष्य सितंबर-अक्टूबर तक पहला चरण पूरा करना है. दोनों देश 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक ले जाने के इच्छुक हैं.
ये होंगे भारत के प्रमुख वार्ताकार
सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि 23 अप्रैल से शुरू होने जा रही India-US व्यापार वार्ता में माल, सेवाओं और सीमा शुल्क सुविधा जैसे मुद्दों को शामिल किया जाएगा. इसके साथ ही भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) के लिए औपचारिक रूप से बातचीत शुरू करने से पहले कुछ मुद्दों पर मतभेद दूर करने के लिए अगले सप्ताह एक अलग टीम अमेरिका जाएगी. इस बैठक के लिए भारत ने राजेश अग्रवाल (Rajesh Agarwal) को प्रमुख वार्ताकार नियुक्त किया है.
बता दें कि तीन दिवसीय व्यापार वार्ता का भारत की ओर से नेतृत्व करने जा रहे राजेश अग्रवाल वाणिज्य विभाग में अतिरिक्त सचिव हैं और इन्हें बीते 18 अप्रैल को अगला वाणिज्य सचिव नियुक्त किया गया है. वह 1 अक्टूबर 2025 से अपना पदभार ग्रहण करेंगे.
इन मुद्दों पर रहेगा जोर
दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता में ToRs को और विकसित करने पर जोर दिया जाएगा और उन पर चर्चा की जाएगी. इसमें टैरिफ, गैर-टैरिफ बाधाएं और रेग्युलेटरी मामले शामिल होंगे. भारत-अमेरिका के बीच चर्चा का यह दौर बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. रिपोर्ट में एक सीनियर ऑफिशियल के हवाले से कहा गया है कि ट्रंप प्रशासन द्वारा घोषित टैरिफ राहत के भीतर एक अंतरिम व्यापार समझौता हो सकता है.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भारत पर भी बीते 2 अप्रैल को रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान किया था और 9 अप्रैल को ये लागू होने वाला था, लेकिन अचानक ट्रंप ने बड़ा फैसला लेते हुए टैरिफ लागू किए जाने को 90 दिनों के लिए रोका गया था.
दोनों देशों को व्यापार वार्ता से ये उम्मीदें
उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते के तहत कई तरह की वस्तुओं पर सीमा शुल्क में भारी कटौती की जा सकती है या फिर उसे खत्म किया जा सकता है. इसका उद्देश्य सेवाओं और निवेश के नियमों को सरल बनाना भी है. अमेरिका इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट्स, इलेक्ट्रिक वाहनों, वाइन, पेट्रोकेमिकल्स, डेयरी और कुछ कृषि उत्पादों में रियायतों के लिए दबाव बना रहा है. दूसरी ओर, भारत परिधान, कपड़ा, रत्न और आभूषण, चमड़ा, प्लास्टिक समेत समुद्री खाद्य जैसे निर्यात पर कम शुल्क चाहता है.
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