नई दिल्ली। भारत ने आगामी जी20 शिखर सम्मेलन के लिए इंडोनेशिया को अपना पूर्ण समर्थन देने का फैसला किया है। भारत ने ये कदम ऐसे समय में उठाया है जब यूक्रेन पर रूसी अटैक के बाद से समूह के भीतर मतभेद खुलकर सामने आए हैं। जी20 समिट के लिए इंडोनेशिया का समर्थन करने की जानकारी भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने दी। बता दें कि अमिताभ कांत ने 26-29 सितंबर के दौरान योग्याकार्ता में आयोजित इंडोनेशिया की जी20 अध्यक्षता के तहत तीसरी जी20 शेरपा बैठक में एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था।
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, “वार्ता के दौरान, अमिताभ कांत ने नवंबर 2022 में आगामी G20 बाली समिट के लिए सार्थक इंडोनेशियाई अध्यक्षता का समर्थन किया और प्रयासों के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।” विभिन्न देशों के समकक्षों के साथ G20 शेरपा बैठक में मौजूदा भू-राजनीतिक स्थिति पर भी चर्चा हुई। इस दौरान, अमिताभ कांत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 16 सितंबर के बयान को दोहराया। उन्होंने कहा, “आज का युग युद्ध का नहीं है [और] कूटनीति और संवाद वो चीजें हैं जिसे दुनिया को अपनाना चाहिए।”
पीएम मोदी ने यह टिप्पणी उज्बेकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के इतर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक में की थी। उन्होंने पुतिन को युद्ध समाप्त करने के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि रूसी राष्ट्रपति को संघर्ष के मद्देनजर विकासशील देशों के सामने आने वाली खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा की समस्या पर विचार करना होगा। अमिताभ कांत ने जी20 की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और प्रयासों पर वैश्विक ध्यान केंद्रित किया जाए और इसे मजबूत किया जाए।” इन क्षेत्रों में सतत विकास, एसडीजी पर त्वरित प्रगति, जलवायु परिवर्तन को संबोधित करना शामिल है।
G20 शेरपा बैठक के इतर, कांत ने ब्राजील, फ्रांस, जर्मनी, जापान, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया, स्पेन, यूके और अमेरिका के अपने शेरपा समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बातचीत की। विदेश मंत्रालय ने कहा, “भारत के रचनात्मक हस्तक्षेप ने जी20 विचार-विमर्श में अधिक सकारात्मकता और आशावाद का संचार किया है, जिससे मौजूदा वैश्विक चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने के सामूहिक संकल्प को और मजबूत किया गया।”
G20 दुनिया की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का समूह है। हालांकि समूह के अंदर अभी यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद मतभेद हैं। रूसी अधिकारियों द्वारा बैठकों को संबोधित किए जाने पर कई सदस्यों के प्रतिनिधि बहिर्गमन कर चुके हैं। कई सदस्यों ने रूस को G20 से बाहर निकालने का भी आह्वान किया है।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों के तहत रूस और यूक्रेन दोनों का दौरा करने वाले पहले एशियाई नेता थे। इंडोनेशिया ने नवंबर में होने वाले G20 शिखर सम्मेलन में पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की को आमंत्रित किया है। इंडोनेशिया की अध्यक्षता में पहली G20 शेरपा बैठक दिसंबर 2021 में और दूसरी जुलाई में आयोजित की गई थी। भारत दिसंबर में G20 की अध्यक्षता संभालने और 2023 में नई दिल्ली में अगले शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए तैयार है।
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