img-fluid

भारत ने कड़े किए नियम- ‘बिना अनुमति उड़े हैंग ग्लाइडर तो मार गिराया जाएगा’

October 18, 2023

नई दिल्ली। इजराइल और हमास के बीच जारी लड़ाई के बीच भारत ने हैंग ग्लाइडर के उपयोग को लेकर नियम सख्त कर दिए हैं। अब बिना परमिशन के हैंग ग्लाइडर उड़ाए गए तो उन्हें मार गिराया जा सकता है। इजराइल पर हमास के आतंकी हमले के बाद भारत में डीजीसीए ने नेशनल सिक्योरिटी को देखते हुए हैंग ग्लाइडिंग के नियमों को कड़ा कर दिया है।

भारत में हैंग ग्लाइडर उड़ाने के लिए अब डीजीसीए से परमिशन लेने की जरूरत होगी। बिना परमिशन इसकी बिक्री भी नहीं की जा सकती है और ऐसा कोई करता है तो दुकान शट डाउन कर दी जाएगी। इसके साथ ही हैंग ग्लाइडर्स पायलटों को सभी मानदंड पूरे करने होंगे और लाइसेंसिंग की जरूरतो को भी पूरा करना होगा। यह उपाय हमास के हमलों के बाद किए जा रहे हैं क्योंकि हमास ने हैंग ग्लाइडर का भी प्रयोग किया था।

डीजीसीए से लेनी होगी अनुमति
नए नियमों के अनुसार भारतीय आसमान में हैंग ग्लाइडर उड़ाने के लिए डीजीसीए से परमिशन लेनी होगी। अनधिकृत हैंग ग्लाइडर उड़ानों के गंभीर परिणाम होंगे। इसमें ग्लाइडर को मार गिराए जाने या जब्त किए जाने की संभावना भी शामिल है। इसके अलावा निजी हैंग ग्लाइडर बेचने के लिए भी डीजीसीए से अनुमति लेनी होगी। साथ ही सभी संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे। ग्लाइडर के संभावित खरीदारों को अब केंद्रीय गृह मंत्रालय से मंजूरी प्रमाण पत्र लेना जरूरी होगा। ताकि इसे खरीदने वाले की जांच भी की जा सके।


इनके अलावा हैंग ग्लाइडर पायलटों के लिए कड़ी सुरक्षा जरूरते भी पूरी करनी होगी। यानि हैंग ग्लाइडर को कम से कम 50 घंटे की उड़ान का अनुभव होना चाहिए। साथ ही दो इंजन वाले ग्लाइडर के लिए कम से कम 10 घंटे की उड़ान का अनुभव होना चारिए। जो लोग कमर्शियल पायलट के तौर पर काम करेंगे उनके लिए कम से कम 25 घंटे की उड़ान का अनुभव होना चाहिए।

क्या होता है हैंग ग्लाइडर?
हैंग ग्लाइडर बिना इंजन वाली हल्की उड़ने वाली मशीनों की तरह काम करते हैं। ये आम तौर पर साधारण, त्रिकोण के आकार के पंख पर लेटकर लोगों को हवा में उड़ान कराते हैं। यह एक फ्रेम के माध्यम से पायलट को अपनी जगह पर रखते हैं। ऊपर, नीचे या अगल-बगल जाने के लिए पायलट अपने शरीर को हिलाता है और कंट्रोल पैनल का उपयोग करता है। यह रोमांच महसूस करने का तरीका है जिसमें कोई व्यक्त उड़ने का रोमांच अनुभव करता है। यह बहुत ही मजेदार और साहसिक शौक के तौर पर लोग करते हैं। ऐसी उड़ानें पहाड़ी इलाकों और सुंदर प्राकृतिक स्थानों को आसमान से देखने का अनुभव देते हैं।

Share:

झारखंड के 47 प्रोफेसरों ने जगह बनाई विश्व के दो प्रतिशत टॉप साइंटिस्ट्स में

Wed Oct 18 , 2023
रांची । विश्व के दो प्रतिशत टॉप साइंटिस्ट्स की (Into the Top Two Percent Scientists of the World) ताजा लिस्ट में (In the Latest List) झारखंड के 47 प्रोफेसरों (47 Professors from Jharkhand) ने जगह बनाई (Made Space) । अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी हर साल यह लिस्ट जारी करती है, जिसमें विज्ञान और तकनीक में […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
सोमवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved