नई दिल्ली (New Dehli) । इंडिया गठबंधन (india alliance)में सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा हो रही है। कांग्रेस पार्टी (congress party)के केंद्रीय नेतृत्व ने घटक दलों के साथ सीट बंटवारे (seat sharing)को लेकर उन्हें टटोलने की कवायद शुरू कर दी है। इस बीच खबर आ रही है कि कांग्रेस पर सहयोगी दलों ने दबाव बढ़ाना भी शुरू कर दिया है। देश की सबसे पुरानी पार्टी से लचीलापन और बड़ा दिल दिखाने के लिए कहा है। जेडीयू ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विपक्षी गठबंधन के सूत्रधार के रूप में पेश किया। साथ ही कहा कि भारतीय राजनीति में केवल कुछ ही नेता हैं जो उनके जैसे अनुभवी हैं। जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कहा गया कि इंडिया गठबंधन में बड़ी पार्टियों की जिम्मेदारी है कि वे गठबंधन को सफल बनाने के लिए बड़ा दिल दिखाए।
वहीं, शिवसेना (यूबीटी) ने कहा कि वह महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 23 पर चुनाव लड़ेगी और कहा कि कांग्रेस के साथ उसकी बातचीत शून्य से शुरू होगी क्योंकि 2019 के लोकसभा के चुनाव में महाराष्ट्र में भगवा पार्टी ने कोई भी सीट नहीं जीती है।
इन दोनों पार्टियों के बयानों से पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने ऐलान किया था कि उनकी पार्टी राज्य में भाजपा से मुकाबला करेगी। उन्होंने गुरुवार को उत्तर 24 परगना में कार्यकर्ताओं की एक बैठक में कहा कि देश भर में बीजेपी का मुकाबला इंडिया से होगा, लेकिन पश्चिम बंगाल में बीजेपी के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व टीएमसी करेगी।
इस बीच कांग्रेस की पांच सदस्यीय राष्ट्रीय गठबंधन समिति में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, मुकुल वासनिक, सलमान खुर्शीद और मोहन प्रकाश ने कई राज्यों के नेताओं से मुलाकात की। उनमें दिल्ली, बिहार और महाराष्ट्र जैसे राज्य शामिल हैं। इस दौरान उनसे सीट बंटवारे पर उनकी राय जानने की कोशिश की गई।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि पार्टी लचीला रुख अपनाने को तैयार है। उन्होंने कहा, ”राज्य इकाइयों के अपने विचार हो सकते हैं लेकिन एक राष्ट्रीय गठबंधन में राष्ट्रीय कारकों को राज्य के कारकों पर प्राथमिकता दी जाएगी।” सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस भारत के सहयोगियों को समायोजित करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने को तैयार है।
कांग्रेस की गठबंधन समिति इस सप्ताह के अंतक तक पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है। कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि पार्टी अगले सप्ताह सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे पर औपचारिक बातचीत शुरू करेगी।
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि कांग्रेस के साथ बातचीत शून्य से शुरू होगी। उनके इस बयान ने कांग्रेस नेतृत्व को परेशान कर दिया है। संजय राउत ने कहा, “यह महाराष्ट्र है। शिव सेना यहां है। महाराष्ट्र में शिवसेना सबसे बड़ी पार्टी है। कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है। हम उनके राष्ट्रीय नेतृत्व से बातचीत कर रहे हैं। चाहे वह राहुलजी हों, सोनियाजी हों, खड़गे साहब हों या वेणुगोपाल हों, कांग्रेस के निर्णय लेने वालों के साथ हमारी बातचीत सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है।”
वहीं, कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने राउत को याद दिलाया कि कांग्रेस महाराष्ट्र विधानसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है और विपक्ष का नेतृत्व कर रही है। उन्होंने कहा, “मैं संजय राउत को बताना चाहता हूं कि कोई भी गठबंधन महाराष्ट्र के स्थानीय नेतृत्व से परामर्श के बिना आगे नहीं बढ़ सकता है।”
अब बात बिहार की। जदयू ने विपक्षी दलों को एक साथ लाने के लिए नीतीश कुमार की सराहना की। पार्टी ने कहा, “पटना की बैठक के बाद पूरे देश में विपक्षी एकता के बारे में एक बड़ा संदेश गया और लोगों ने गठबंधन के सूत्रधार के रूप में नीतीश कुमार द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना की है। हमें गर्व है कि भारतीय राजनीति में कुछ ही नेता हैं जो उनके जितने अनुभवी हैं। भाजपा खेमा इस बात से डरा हुआ है कि इंडिया गठबंधन के पास नीतीश कुमार जैसा नेता है।”
जेडीयू ने कहा कि नीतीश कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उन्हें प्रधानमंत्री या इंडिया गठबंधन का संयोजक बनने की कोई इच्छा नहीं है। साथ ही यह भी कहा कि लोग इंडिया गठबंधन को आशा के साथ देख रहे हैं। जेडीयू ने कहा कि गठबंधन में बड़े दलों की बड़ी जिम्मेदारी है।
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस की राष्ट्रीय गठबंधन समिति ने राज्य इकाइयों से उन सीटों के बारे में राय मांगी है जहां पार्टी पिछले चुनाव में पहले और दूसरे स्थान पर रही थी। सीटों की जाति संरचना और उन सीटों का वर्गीकरण करने के लिए भी कहा गया है जहां पार्टी मजबूत और कमजोर है।
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