नई दिल्ली । कोविड टीकाकरण कार्यक्रम शुरू होने के चंद दिनों के अंदर भारत ने दुनिया को वैक्सीन मुहैया कराने का कार्य शुरू कर दिया। सरकार का कहना है कि इसकी शुरुआत देश अपनी जरूरतों और वैश्विक दायित्वों के बीच संतुलन बनाते हुए पड़ोसी देशों को अनुदान सहायता के रूप में करेगा।
सबसे पहले मालदीव को आज बुधवार को 1 लाख और बांग्लादेश को गुरुवार को कोविड 19 दवा की 20 लाख खुराक पहुंचाई जाएगी।
उधर, विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि भारत सरकार को पड़ोसी और प्रमुख भागीदार देशों से भारतीय निर्मित टीकों की आपूर्ति के लिए कई अनुरोध प्राप्त हुए हैं। वैक्सीन उत्पादन और वितरण क्षमता के चलते भारत की प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार और सेशेल्स को अनुदान सहायता के तहत कल से आपूर्ति शुरू की जाएगी। श्रीलंका, अफगानिस्तान और मॉरीशस के संबंध में भारत अभी आवश्यक नियामक मंजूरी की प्रतीक्षा कर रहा है।
मंत्रालय का कहना है कि रोलआउट की घरेलू आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए भारत आने वाले हफ्तों और महीनों में चरणबद्ध तरीके से कोविड-19 टीकों की आपूर्ति जारी रखेगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि घरेलू निर्माताओं के पास विदेश में आपूर्ति करते समय घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त स्टॉक रहे।
टीकों की डिलीवरी से पहले प्रशासनिक और परिचालन पहलुओं को कवर करने वाला एक प्रशिक्षण कार्यक्रम 19-20 जनवरी को प्राप्तकर्ता देशों के राष्ट्रीय और प्रांतीय स्तर पर टीकाकरण प्रबंधकों, कोल्ड चेन अधिकारियों, संचार अधिकारियों और डेटा प्रबंधकों के लिए आयोजित किया जा रहा है।
मालदीव को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की करीब एक लाख मुक्त खुराक कल दोपहर दो बजे जहाज के माध्यम से पहुंच जाएगी। मालदीव को भारत ने कोरोना संकट काल में दवा और अन्य सामग्री के माध्यम से पहले भी मदद पहुंचाई है। सूत्रों के मुताबिक वैक्सीन की यह खेप करीब साढ़े चार लाख की आबादी वाले मालदीव के कोरोना योद्धाओं के लिए पर्याप्त होगी।
भारत की ओर 20 लाख कोविशील्ड खुराक गुरुवार को बांग्लादेश के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचेगी। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भी इसकी पुष्टि की। इसके बाद कोविशील्ड बांग्लादेश के बेमेस्को फार्मा और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के बीच वाणिज्यिक करार के अंतर्गत भेजी जाएंगी।
सरकार का कहना है कि भारत ने पहले कोविड-19 महामारी के दौरान बड़ी संख्या में देशों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन, रेमेडिसविर और पेरासिटामोल गोलियों के साथ-साथ डायग्नोस्टिक किट, वेंटिलेटर, मास्क, दस्ताने और अन्य चिकित्सा आपूर्ति की थी।
भारत ने क्लिनिकल परीक्षण कार्यक्रम में भागीदारी के तहत अपनी नैदानिक क्षमताओं को बढ़ाने और मजबूत करने के लिए कई पड़ोसी देशों को प्रशिक्षण प्रदान किया है। अलग-अलग, भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम के तहत सहयोगी देशों के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और प्रशासकों के लिए कई प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जो महामारी से निपटने में हमारे अनुभव को साझा करते हैं।
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