• img-fluid

    रूस-यूक्रेन संकट पर भारत का रुख साफ है -विदेश मंत्री जयशंकर

  • April 26, 2022


    नई दिल्ली । विदेश मंत्री (External Affairs Minister) एस. जयशंकर (S. Jaishankar) ने मंगलवार को कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine Crisis) पर भारत का रुख (India Stand) स्पष्ट है (Is Clear) । उन्होंने साथ ही कहा कि नई दिल्ली दोनों देशों से ‘शत्रुता की समाप्ति, वार्ता और राष्ट्रीय संप्रभुता कायम करने का आग्रह करती है।’ रायसीना डायलॉग में एक बातचीत के दौरान, जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन में संघर्ष वर्तमान में सबसे प्रमुख मुद्दों में से एक है।


    उन्होंने कहा कि यह न केवल हितों या मूल्यों के कारण, बल्कि दुनिया भर में परिणामों के कारण भी है। युद्ध पर भारत के रुख के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “जब एशिया में नियम-आधारित व्यवस्था (रूल बेस्ड ऑर्डर) चुनौती के अधीन थी, तो हमें यूरोप से सलाह मिली थी कि अधिक व्यापार करें। कम से कम हम आपको वह सलाह नहीं दे रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि अफगानिस्तान में जो हुआ वह स्पष्ट रूप से बताता है कि नियम-आधारित आदेश क्या था। “हमें कूटनीति पर लौटने का रास्ता खोजना होगा और ऐसा करने के लिए, लड़ाई को रोकना होगा।” युद्ध के व्यापक परिणामों के बारे में बात करते हुए, मंत्री ने कहा, “इस संघर्ष में कोई विजेता नहीं होगा और तेल और खाद्य कीमतों पर इसका प्रभाव पड़ा है।”

    यह पूछे जाने पर कि ‘तीन चीजें जो उन्हें रात में जगाए रखती हैं’, जयशंकर ने जवाब दिया, “अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को जो झटके लग रहे हैं, विशेष रूप से पिछले दो वर्षों में उनमें कोविड-19 महामारी, अफगानिस्तान और यूक्रेन, पश्चिम और रूस व अमेरिका और चीन के बीच तनाव है।” उन्होंने यह भी समझाया कि यूक्रेन चीन के लिए मिसाल नहीं है, पिछले एक दशक से एशिया में इस तरह के आयोजन यूरोप के ध्यान के बिना चल रहे हैं।”तो, यह यूरोप के लिए एशिया को देखना शुरू करने के लिए एक वेकअप कॉल है। यह अस्थिर सीमाओं, आतंकवाद और नियम-आधारित व्यवस्था के लिए निरंतर चुनौतियों के साथ दुनिया का एक हिस्सा है। बाकी दुनिया को इसे पहचानना होगा। समस्याएं ‘होने वाली’ नहीं हैं, बल्कि यह हो रही हैं।”

    पश्चिमी इंडो-पैसिफिक में भारत की भूमिका पर, मंत्री ने कहा, “हमें अपने इतिहास को पुन: प्राप्त करने की आवश्यकता है। हमारे संबंध और व्यापार औपनिवेशिक काल में बाधित थे, लेकिन अधिक वैश्वीकृत दुनिया में, हमें इस बात पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए कि हम कैसे पुनर्निर्माण और बातचीत करना चाहते हैं। यह बिना मध्यस्थों के एक-दूसरे के साथ होना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि इसका उद्देश्य हिंद महासागर समुदाय को फिर से बनाना, दूर देशों की ओर देखने के बजाय एक-दूसरे के बीच समाधान तलाशना और एक-दूसरे के साथ साझेदारी करना होना चाहिए।

    जलवायु परिवर्तन के प्रति भारत के कदमों के बारे में बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि नई दिल्ली के नजरिए से इस मुद्दे के दो हिस्से हैं- एक है जलवायु कार्रवाई और दूसरा है जलवायु न्याय। उन्होंने कहा, “हमें दोनों की आवश्यकता है.. जब जलवायु कार्रवाई की बात आती है, तो हर किसी को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने की आवश्यकता होती है, लेकिन हमें यह भी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि अधिक कमजोर, कम संसाधन वाले देशों और समाजों का समर्थन किया जाए।” मंत्री ने कहा, “आज, हमें कनेक्टिविटी, जलवायु परिवर्तन पर एक साथ काम करने के तरीके खोजने की जरूरत है और भारत इन वैश्विक मुद्दों पर और अधिक ठोस तरीके से आगे बढ़ने के लिए तैयार है।”

    Share:

    Nokia ने मार्केट में लॉन्‍च किया नया स्‍मार्टफोन, 18W फास्ट चार्जिंग के साथ मिलेंगे ये जबरदस्‍त फीचर्स

    Tue Apr 26 , 2022
    नई दिल्‍ली. टेक कंपनी नोकिया (Nokia) ने मंगलवार को उसकी G सीरीज के सबसे नए मेंबर के रूप में Nokia G21 स्‍मार्टफोन को लॉन्च किया। नया नोकिया फोन एक बार चार्ज करने पर तीन दिन की बैटरी लाइफ (battery life) देने का दावा करता है और इसे ट्रिपल रियर कैमरों के साथ-साथ वाटरड्रॉप-स्टाइल डिस्प्ले नॉच […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved