नई दिल्ली। भारत (India) के चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) मिशन ने साबित कर दिया है कि हमारे पास किफायती और सफल मिशन भेजने की क्षमता है। केंद्रीय अंतरिक्ष राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने उदाहरण दिया कि रूस का असफल मिशन लूना 25 करीब 16,000 करोड़ का था, वहीं भारत ने चंद्रयान-3 पर महज 600 करोड़ रुपये खर्च किए।
जितेंद्र सिंह ने कहा, हॉलीवुड फिल्में और विदेशी अंतरिक्ष मिशन 600 करोड़ से कहीं अधिक में होते हैं, लेकिन भारत में इन्हें इस प्रकार डिजाइन किया जाता है कि खर्च कम हो।
पांच साल में 50 हजार करोड़ शोध पर खर्च होंगे
जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने बताया कि निजी क्षेत्र को शोध व विकास कार्यों में शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने अनुसंधान राष्ट्रीय शोध फाउंडेशन विधेयक (Research National Research Foundation Bill) बनाया, जिसे पिछले साल लोकसभा (LokSabha) ने पारित किया। इसके तहत पांच साल में 50 हजार करोड़ (50 thousand crores) का बजट दिया जा रहा है।
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