• img-fluid

    भारत ने 2021-22 में तेल आयात पर खर्च किए 119 अरब डॉलर

  • April 25, 2022

    नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2021-22 में भारत का कच्चे तेल का आयात बिल लगभग दोगुना होकर 119 अरब डॉलर पर पहुंच गया। मार्च में समाप्त हुए वित्त वर्ष 2021-22 में भारत का कच्चे तेल (India’s crude oil) के आयात पर खर्च लगभग दोगुना होकर 119 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इसकी वजह मांग में वृद्धि और यूक्रेन में युद्ध के कारण वैश्विक स्तर (global scale) पर ऊर्जा की कीमतों में बढ़ोतरी है। भारत तेल की खपत और आयात करने के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है।



    तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के बीच भारत ने तेल के आयात पर 119.2 अरब डॉलर खर्च किए। इससे पिछले वर्ष की समान अवधि में उसका तेल आयात बिल 62.2 अरब डॉलर रहा था। मार्च माह में जब तेल की कीमतें 14 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई, तब अकेले इस महीने में ही भारत ने तेल आयात पर 13.7 अरब डॉलर खर्च किए, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह खर्च 8.4 अरब डॉलर था।
    वैश्विक स्तर पर तेल के दाम जनवरी से बढ़ने शुरू हुए थे और फरवरी में ये 100 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गए। मार्च महीने की शुरुआत में तेल की कीमत 140 डॉलर प्रति बैरल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी। हालांकि उसके बाद कीमतों में गिरावट आने लगी और अब यह करीब 106 डॉलर प्रति बैरल पर है।

    पीपीएसी के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने 21.22 करोड़ टन कच्चे तेल का आयात किया, जबकि इससे पिछले वर्ष 19.65 करोड़ टन तेल आयात किया था, हालांकि यह महामारी से पहले के वर्ष 2019-20 के मुकाबले कम है जब 22.7 करोड़ टन तेल आयात किया गया था। तब तेल आयात पर 101.4 अरब डॉलर खर्च हुए थे। अपनी कच्चे तेल की 85.5 फीसदी जरूरतों के लिए भारत आयात पर निर्भर करता है। पीपीएसी के मुताबिक 2019-20 में भारत की तेल आयात पर निर्भरता 85 फीसदी थी जो इसके बाद के वर्ष में कुछ गिरकर 84.4 फीसदी हो गई लेकिन 2021-22 में यह एक बार फिर बढ़कर 85.5 फीसदी पर पहुंच गई।

    Share:

    नकदी की तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान, आईएमएफ ने राहत पैकेज बढ़ाने पर जताई सहमति

    Mon Apr 25 , 2022
    इस्लामाबाद। नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान और आईएमएफ ने रुके हुए बेलआउट पैकेज (राहत पैकेज) को एक साल तक बढ़ाने पर सहमति जताई है। वहीं इस अवधि में आईएमएफ कर्ज का आकार भी बढाएगा। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बेलआउट पैकेज की समय सीमा बढ़ने से प्रधानमंत्री शहबाज के नेतृत्व वाली नई सरकार को […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    शुक्रवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved