तेल अवीव: भारत (india) ने गाजा (gaza) युद्ध (war) में फंसे इजरायल (israel) को हथियार भेजे हैं। भारत ने यह कदम तब उठाया है जब इजरायल को अमेरिका (america) ने हजारों बम (bomb) की सप्लाई को रोक दिया है। पिछले 8 महीने से हमास (Hamas) के साथ जंग में इजरायल के हथियारों का जखीरा खाली हो गया है और उसने दोस्त भारत से मदद मांगी थी। भारत ने इजरायल को हथियार भेजा भी है लेकिन अब इसे स्पेन (spain) ने अपने बंदरगाह पर रुकने की इजाजत देने से मना कर दिया है। बताया जा रहा है कि इस व्यापारिक जहाज पर 27 टन विस्फोटक लदा हुआ है और इसे भारत से भेजा गया था। स्पेन ने कहा है कि मध्य पूर्व को शांति की जरूरत है न कि और ज्यादा विस्फोटक की।
द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक स्पेन के विदेश मंत्रालय ने डेनमार्क के झंडे वाले इस जहाज को अपने बंदरगाह पर रुकने की इजाजत देने से इंकार कर दिया है। बताया जा रहा है कि इस जहाज पर भारत से भेजा गया 27 टन विस्फोटक लदा हुआ था। उसने कहा कि मध्यपूर्व को शांति की जरूरत है, न कि और ज्यादा हथियारों की। स्पेन के विदेश मंत्री जोसे मैनएल अल्बरेस ने कहा, ‘ऐसा पहली बार है जब हमने यह किया है क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ है जब हमने पाया है कि एक जहाज हथियारों की खेप लेकर इजरायल जा रहा है और वह स्पेन के बंदरगाह पर रुकने की इजाजत चाह रहा है।’
चेन्नई से इजरायल के हाइफा पोर्ट जा रहा है जहाज
इस जहाज का नाम मरिन्ने डेनिका है और उसने कार्टेगेना में 21 मई को रुकने की इजाजत मांगी थी। दरअसल यह जहाज भारत से इजरायल की यात्रा कर रहा है और इतनी लंबी यात्रा के दौरान उसे जरूरी सामान फिर से भरना है। स्पेन के विदेश मंत्री ने कहा, ‘हमने इस शिप की पहचान कर ली है और हमने उसे अपने यहां रुकने की अनुमति देने से इंकार कर दिया है। मैं आपको कह सकता हूं कि यह किसी भी ऐसे जहाज के लिए प्रति हमारी सतत नीति है जो इजरायल के लिए हथियार या उससे जुड़ा सामान लेकर जा रहा है और हमारे बंदरगाह पर रुकना चाहता है।’
एल पैस अखबार के मुताबिक डेनमार्क के झंडे वाला जहाज 27 टन विस्फोटक लेकर भारत के चेन्नई बंदरगाह से इजरायल के हाइफा बंदरगाह जा रहा था। बता दें कि चेन्नई भारत का वह प्रमुख बंदरगाह है जहां से भारत विस्फोटकों का निर्यात और आयात करता है। इस पूरे मामले में स्पेनी विदेश मंत्री ने यह भी कहा, ‘विदेश मंत्रालय सतत तरीके से इस तरह के पोर्ट कॉल को खारिज करेगा जिसकी एकमात्र वजह यह है कि मध्य पूर्व को और ज्यादा हथियारों की जरूरत नहीं है, उसे शांति की जरूरत है।’ बता दें कि स्पेन ने इजरायल के गाजा में सैन्य अभियान की कड़ी आलोचना की है। वह फलस्तीनी देश को भी मान्यता देना चाहता है। स्पेन ने गाजा में युद्ध शुरू होने के बाद से ही इजरायल को हथियारों की आपूर्ति रोक दी थी।
इजरायल ने कारगिल जंग में की थी मदद
भारत इजरायल का सबसे बड़ा हथियारों का खरीदार है। गाजा युद्ध के बीच इजरायल भारत से कई तरह के हथियारों के लिए जरूरी सामान मंगा रहा है। इजरायल की कई सरकारी कंपनियां भारत में निवेश किए हुए हैं। भारत में इजरायली कंपनियां विस्फोटक से लेकर किलर ड्रोन तक बना रही हैं। भारतीय कंपनियों ने हाल ही में विस्फोटक और ड्रोन की सप्लाई की है। इजरायल को संकट की घड़ी में ठीक उसी तरह से भारत मदद कर रहा है जैसे कारगिल युद्ध के समय इजरायल ने भारत की खुलकर मदद की थी और गाइडेड बम की सप्लाई की थी। इन बमों की मदद से भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सैनिकों के ठिकानों को तबाह किया था। भारतीय रक्षा सूत्रों का कहना है कि इजरायल को विस्फोटक देकर भारत ने किसी भी अंतरराष्ट्रीय नियम का उल्लंघन नहीं किया है।
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