अमेरिकी प्रतिबंध से भारत हुआ मालामाल…
नई दिल्ली। अमेरिका (America) द्वारा रूस (Russia) पर लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद रूस से सस्ते दामों पर तेल (Oil) खरीदकर भारत ने करीब 35 हजार करोड़ रुपए बचा लिए। भारत (India) ने इस साल की पहली तिमाही में रूस से 6.6 लाख टन कच्चा तेल आयात किया। यह दूसरी तिमाही में बढक़र 84.2 लाख टन हो गया। इस दौरान रूस ने प्रति बैरल 30 डॉलर का डिस्काउंट (Discount) भी दिया।
इसके चलते पहली तिमाही में एक टन कच्चे तेल के आयात (Import) की लागत करीब 790 डॉलर (Dollar) थी। इसके बाद दूसरी तिमाही में यह घटकर 740 डॉलर रह गई। इस तरह भारत को कुल 35,000 करोड़ रुपए का फायदा हुआ। इसी अवधि में अन्य स्रोतों से आयात की लागत बढ़ी थी। रूस से 2022 में सस्ते तेल का आयात 10 गुना बढ़ा है। कारोबार 11.5 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। यह साल के आखिर तक रिकॉर्ड 13.6 अरब डॉलर तक पहुंचने की प्रबल संभावना है। भारत चीन के बाद रूसी कच्चे तेल के दूसरे सबसे बड़े खरीदार के रूप में उभरा है। मार्च के बाद से जब भारत ने रूस से आयात बढ़ाया है तो यह 12 अरब डॉलर से ऊपर हो गया है, जो पिछले साल 1.5 अरब डॉलर से थोड़ा अधिक था।
कंगाल पाक ने मांगा उधार तेल
कंगाल पाकिस्तान ने रूस से उधार तेल मांगा है। इसके लिए उज्बेकिस्तान के समरकंद में हुए एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के साथ तीन बैठकें की। रूस ने उनके प्रस्ताव पर विचार करने का आश्वासन दिया है। अगर यह प्रस्ताव अमल में आ जाता है तो यह ऐतिहासिक होगा, क्योंकि पाकिस्तान खाड़ी देशों से तेल का आयात करता रहा है और खाड़ी देशों का भी करोड़ों रुपया पाक पर बकाया है।
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