नई दिल्ली। भारत और रूस 2024 तक एयरक्राफ्ट को मार गिराने वाली नई ब्रह्मोस मिसाइल लॉन्च करेंगे जो अवाक्स सिस्टम से लैस होगी। नई मिसाइल का उपयोग प्रमुख हवाई लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए किया जा सकेगा, जबकि पिछले संस्करण केवल जमीन या समुद्र पर लक्ष्य को नष्ट करने में सक्षम थे।
नई मिसाइल पर्याप्त हल्की होगी
रूस और भारत ने अपने संयुक्त ब्रह्मोस प्रोजेक्ट के तहत एक योजना अपनाई है, जिसमें एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (एडब्ल्यूएसीएस) सिस्टम से लैस नई क्रूज मिसाइल बनाई जानी है, जो हवा में ही विमानों को मार गिराने में सक्षम होगी। इस प्रोजेक्ट के रूसी निदेशक अलेक्जेंडर मिकोशेव के अनुसार यह मिसाइल 2024 तक लॉन्च के लिए तैयार होगी। उन्होंने पुष्टि की है कि नई ब्रह्मोस मिसाइल एलसीए तेजस से ले जाने लायक पर्याप्त हल्की होगी। यह 400-500 किलोमीटर की रेंज की मिसाइल होगी। उन्होंने कहा कि इसमें लक्ष्य-प्राप्ति के विभिन्न उपकरण होंगे लेकिन एक ही प्लेटफॉर्म का उपयोग करेंगे। 1998 में रूस और भारत ने संयुक्त प्रोजेक्ट स्थापित करके हाइपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस बनाई जो केवल जमीन या समुद्र पर लक्ष्य को नष्ट करने में सक्षम थीं।
कोविड-19 के बावजूद ऑर्डर मिले
उन्होंने बताया कि हाल ही में कोविड महामारी के बावजूद रूसी-भारतीय ब्रह्मोस मिसाइल उद्यम को इस वर्ष की शुरुआत से छह महीने में अतिरिक्त 1 बिलियन डॉलर के ऑर्डर मिले हैं। फरवरी में कंपनी को 4.5 बिलियन डॉलर के ऑर्डर मिले हैं। प्रोजेक्ट के तहत 40 प्रतिशत मिसाइलें सशस्त्र बलों के लिए और शेष नौसेना और वायु सेना के लिए हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल, हाइपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल की योजना को दो चरणों में विभाजित किया गया है, जिसमें 2024 तक एयरक्राफ्ट को मार गिराने वाली नई ब्रह्मोस मिसाइल बनानी है, जो अवाक्स सिस्टम से लैस होगी। दूसरी 2026 या 2027 इससे तेज गति की मिसाइल डिजाइन करना है। कंपनी के सह-निदेशक के अनुसार इसके इंजीनियरों ने पहले ही कुछ मिसाइल घटकों का परीक्षण किया है, जो इसे लक्ष्य गति तक पहुंचने में मदद करेंगे।एजेंसी/(हि.स.)
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