मॉस्को। भारत और रूस ने आतंकवाद के खिलाफ पर सहयोग और गहरा करने का फैसला किया है। दोनों देश संयुक्त राष्ट्र व अन्य मंचों पर इस मामले में एकजुट होंगे।
यह सहमति गुरुवार को मास्को में विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा और रूसी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के बीच मॉस्को में बनी। वर्मा ने रूसी अधिकारियों के साथ संयुक्त राष्ट्र से संबंधित मुद्दों पर परामर्श के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। बातचीत में दोनों पक्ष आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मिलकर अपना पक्ष रखने के लिए रजामंद हुए।
बातचीत में रूसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रूस के विदेश मामलों के उप मंत्री सर्गेई वासिलीविच वर्शिनिन ने किया। भारत व रूसी अधिकारियों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के आगामी एजेंडे और हाल के घटनाक्रम से संबंधित मुद्दों पर भी व्यापक चर्चा की। मास्को में हुई यह वार्ता यूक्रेन में जारी संघर्ष के बीच हुई है।
दिसंबर में दूसरी बार अध्यक्ष बनेगा भारत
भारतीय पक्ष ने दिसंबर 2022 में सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष पद मिलने पर अपनी प्राथमिकताओं से भी रूसी अधिकारियों को अवगत कराया। भारत परिषद में अपने मौजूदा कार्यकाल में दूसरी बार अध्यक्ष बनेगा।
हर माह बदलती है अध्यक्षता
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता हर माह बदलती है। यह अंग्रेजी के वर्णक्रम के अनुसार होती है। बारी बारी से अपने नाम के अनुसार सदस्य देश इसके अध्यक्ष बनते हैं।
पांच नए सदस्य होंगे शामिल
सुरक्षा परिषद में हर साल पांच नए अस्थाई सदस्य चुने जाते हैं। सुरक्षा परिषद के कुल सदस्यों की संख्या 15 है। इनमें से पांच स्थाई सदस्य हैं- चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका। स्थाई सदस्य देशों के पास वीटो का अधिकार होता है। इसी माह परिषद में पांच देश नए अस्थाई सदस्य बने हैं। ये हैं अल्बानिया, ब्राजील, गेबॉन, घाना और संयुक्त अरब अमीरात। ये भारत, आयरलैंड, केन्या, मैक्सिको और नॉर्वे का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल दिसंबर 2022 में समाप्त हो रहा है। यूएन में 193 सदस्य देश हैं, जो कि हर साल, दो वर्षीय कार्यकाल के लिए 10 अस्थाई सदस्यों का चुनाव करते हैं।
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