नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन में बढ़ते तनाव (Russia Ukraine War) के बीच युद्धग्रस्त देश में फंसी एक पाकिस्तानी छात्रा (Pakistani Student) को भारत ने रेस्क्यू किया है. रूस के आक्रमण के बाद यूक्रेन में हालात निरंतर बिगड़ते जा रहे हैं. जिंदगियां खौफ के साए में कट रही हैं. अब तक 17 लाख से ज्यादा नागरिक यूक्रेन को छोड़ पड़ोसी देशों का रुख कर चुके हैं.
भारत (India) ने भी अपने निकासी अभियान ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) के तहत 20 हजार से ज्यादा भारतीयों की स्वदेश वापसी सुनिश्चित की है. भारत ने न केवल अपने नागरिकों की सुरक्षा का ध्यान रखा है, बल्कि अन्य देशों के बेबस नागरिकों को भी उनके संबंधित देशों तक पहुंचाने में मदद की है. सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान की छात्रा अस्मा शफीक (Asma Shafique) अब युद्धग्रस्त देश से बाहर निकलने के लिए पश्चिमी यूक्रेन के रास्ते में है. सूत्रों ने कहा कि वह जल्द ही अपने परिवार तक सुरक्षित पहुंच जाएंगी.
भारतीय अधिकारियों द्वारा रेस्क्यू किए जाने के बाद शफीक ने कीव में भारतीय दूतावास (Indian Embassy) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा, ‘मैं कीव के भारतीय दूतावास को धन्यवाद देना चाहती हूं. मैं बहुत ही कठिन परिस्थिति में फंस गई थी. उन्होंने मेरी मदद की. मैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी धन्यवाद देना चाहती हूं. क्योंकि उन्होंने मेरा सपोर्ट किया. उम्मीद है कि भारतीय दूतावास की वजह से मैं सकुशल अपने घर पहुंच जाऊंगी.
यह पहली बार नहीं है जब किसी विदेशी नागरिक को भारत ने बचाया है. इससे पहले, विदेश मंत्रालय (MEA) ने बताया था कि भारत ने एक बांग्लादेशी नागरिक को रेस्क्यू किया है. वहीं, नेपाल के एक नागरिक रोशन झा को भी भारत द्वारा रेस्क्यू किया गया था. द काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय अधिकारियों द्वारा यूक्रेन से निकाले गए पहले नेपाली नागरिक रोशन झा ने भी भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया. बाद में, काठमांडू में भारतीय दूतावास ने सूचित किया था कि भारत सरकार द्वारा पोलैंड से सात और नेपालियों को निकाला जा रहा है. वहीं, विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि उसने यूक्रेन के सूमी से सभी भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकाल लिया है.
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