नई दिल्ली। भारत (India) ने रॉ (Raw) पर दिए गए अमेरिकी पैनल की रिपोर्ट (American panel report) को बुधवार को खारिज कर दिया और कहा कि अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता (International religious freedom.) पर अमेरिकी आयोग (USCIRF) की रिपोर्ट न केवल पक्षपाती है बल्कि लोकतंत्र की सहिष्णुता के प्रतीक के रूप में भारत की स्थिति को कमतक करने की एक बुरी कोशिश है। विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्ट का खारिज करते हुए दो टूक लहजे में कहा कि अमेरिकी पैनल की रिपोर्ट धार्मिक स्वतंत्रता के प्रति वास्तविक चिंता के बजाय ‘जानबूझकर’ चलाए जा रहे उसके लगातार एजेंडे को दर्शाती है।
अपनी प्रतिक्रिया में भारत ने रिपोर्ट को ‘पक्षपाती और राजनीति से प्रेरित’ बताया और कहा कि लोकतंत्र और सहिष्णुता के प्रतीक के रूप में भारत की छवि को ‘कमजोर’ करने के प्रयास सफल नहीं होंगे। भारत ने यह भी कहा कि USCIRF को ही ‘चिंताजनक संस्था’ घोषित किया जाना चाहिए। इस पैनल ने 2025 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है, क्योंकि धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले और भेदभाव बढ़ते जा रहे हैं।
बता दें कि USCIRF एक स्वतंत्र और द्विदलीय अमेरिकी संघीय सरकारी एजेंसी है। यह अमेरिकी राष्ट्रपति, विदेश मंत्री और अमेरिकी संसद को नीतिगत सिफारिशें करती है और उन सिफारिशों के लागू होने पर नजर रखती है। इस एजेंसी की हालिया कई रिपोर्टों में भारत के बारे में झूठ फैलाया गया है। खासकर यह सिलसिला तब सेशुरू हुआ है, जब से आसिफ महमूद को इसका कमिश्नर नियुक्त किया गया है।
कौन है आसिफ महमूद
आसिफ महमूद आठ सदस्यों वाले USCIRF में छठा कमिश्नर है, जिसकी नियुक्ति अमेरिकी संसद में अल्पसंख्यक नेता हकीम जेफरीज की सिफारिश पर बाइडेन सरकार द्वारा पिछले साल मई में मई 2026 तक के कार्यकाल तक की गई है। महमूद पाकिस्तानी मूल का एक अमेरिकी मानवाधिकार कार्यकर्ता है। USCIRF की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, आसिफ एक प्रैक्टिसिंग फिजिशियन हैं। वह दक्षिण एशिया में मानवाधिकार से जुड़े कई आयोजनों में शामिल रहा है।
कई रिपोर्टों में दावा किया गया है कि वह ‘मानवाधिकार’ की आड़ में भारत विरोधी प्रचार करने में सबसे आगे रहा है। मई 2024 में, आसिफ संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और पाकिस्तान में खालिस्तानी चरमपंथियों की हत्या में भारत की कथित संलिप्तता के बारे में एक षड्यंत्र सिद्धांत को फैलाने के पीछे था। हालांकि, वह अपने दावों का समर्थन करने के लिए सबूत देने में नाकाम रहा। महमूद 2008 से 2016 तक डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन का प्रतिनिधि था और राष्ट्रपति चुनाव अभियानों में भी कई भूमिकाएँ निभा चुका है।
USCIRF की रिपोर्ट में क्या?
2025 की रिपोर्ट में अमेरिकी संस्था USCIRF ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में भारत की विदेशी खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) को अमेरिका में बैन करने की मांग की है और कहा था कि यह संस्था अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव करती है और उनका उत्पीड़न करती है। इस पैनल ने ये भी आरोप लगाया है कि सिख अलगाववादियों की हत्या में रॉ की भूमिका रही है। इस रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि 2024 में भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले और भेदभाव बढ़े हैं।
पैनल ने अमेरिकी सरकार से यह सिफारिश भी की है कि वह ‘इस बात की समीक्षा करे कि क्या भारत को हथियार निर्यात नियंत्रण अधिनियम की धारा 36 के तहत एमक्यू-9बी ड्रोन जैसे हथियारों की बिक्री से धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन बढ़ सकता है या उसमें वृद्धि हो सकती है।’ रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में प्राधिकारियों ने नागरिक संगठनों पर अंकुश लगाने तथा धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों, मानवाधिकार रक्षकों और धार्मिक स्वतंत्रता पर रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों को हिरासत में लेने के लिए गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) और विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) सहित आतंकवाद विरोधी और वित्तपोषण कानूनों का लगातार दुरुपयोग किया है।
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