नई दिल्ली। भारत ने पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में चुनाव कराये जाने को दिखावटी कवायद बताते हुए अपना कड़ा विरोध व्यक्त किया है। साथ ही भारत ने पीओके से गुजरने वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीआईपीसी) के संबंध में चीन की गतिविधियों को लेकर कड़ी आपत्ति व्यक्त की है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक पत्रकार वार्ता में कहा कि केन्द्र शासित जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग था और रहेगा। इस क्षेत्र में पाकिस्तान को कोई गतिविधि चलाने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर में तथाकथित चुनाव कराने की कवायद के जरिए पाकिस्तान इस क्षेत्र पर अपने अवैध कब्जे को छुपाना चाहता है।
उन्होंने कहा कि इन चुनावों को स्थानीय लोगों ने भी अस्वीकार किया है। इस तरह की कवायद से इस क्षेत्र में मानवाधिकारों के उल्लंघन, शोषण और लोगों को स्वतंत्रता से वंचित किए जाने के तथ्यों पर पर्दा नहीं डाला जा सकता। प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान को इस भारतीय क्षेत्र को जल्द से जल्द खाली कर देना चाहिए।
प्रवक्ता ने चीन और पाकिस्तान के नेताओं के बीच हाल में हुई मुलाकात के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में जम्मू-कश्मीर का उल्लेख किए जाने को भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत चीन और पाकिस्तान को कई बार बता चुका है कि तथाकथित सीपीईसी परियोजना भारतीय सीमा क्षेत्र में है, जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है। भारत इस क्षेत्र में किसी अन्य देश द्वारा यथास्थिति में बदलाव किए जाने के प्रयास का विरोध करता है।
उन्होंने कहा कि सभी संबंधित पक्षों को इस क्षेत्र में इस तरह की कार्रवाई बंद कर देनी चाहिए। (एजेंसी, हि.स.)
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