मुंबई। लगातार उच्च प्रदर्शन करने वाली कंपनियों (High Performing Companies) की संख्या के मामले में भारत (India) दुनिया में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। अब सिर्फ अमेरिका (America) ही सबसे आगे है। डीएसपी म्यूचुअल फंड्स की रिपोर्ट (DSP Mutual Funds Report) के मुताबिक, एक दशक से अधिक समय से भारतीय कंपनियां इक्विटी (Indian companies equity) पर लगातार 20 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दे रही हैं। यह देश के व्यवसायों की ताकत और भारतीय शेयर बाजार के बेहतर प्रदर्शन को प्रेरित करने वाले मजबूत बुनियादी सिद्धांतों को रेखांकित करता है। साथ ही, बताता है कि भारतीय शेयर बाजार के बेहतर प्रदर्शन की वजह इसके मजबूत आरओई (इक्विटी पर रिटर्न) आंकड़े हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, विकास का असली इंजन कंपनियों की मजबूत वित्तीय सेहत और दक्षता में निहित है।
वैश्विक संकट में भी रहा बेहतर प्रदर्शन
रिपोर्ट के मुताबिक, 39 भारतीय कंपनियों ने पिछले 20 वर्षों में निर्बाध रूप से अपनी बुक वैल्यू में सकारात्मक वृद्धि की है। इनमें सात कंपनियों का प्रदर्शन शानदार रहा है। खास बात है कि इन कंपनियों ने 2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी और कोविड-19 महामारी जैसी चुनौतियों के दौरान भी अपने प्रदर्शन को कायम रखा।
कंपनियों की बुक वैल्यू में लगातार बढ़ोतरी
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस सफलता के कई कारक हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण भारतीय कंपनियों की बुक वैल्यू का लगातार बढ़ना है। चुनौतीपूर्ण आर्थिक हालात के बीच तीन चौथाई से अधिक कंपनियों ने लंबी अवधि में अपनी बुक वैल्यू में सकारात्मक वृद्धि की है।
किसी कंपनी की बुक वैल्यू में लगातार वृद्धि यह बताती है कि उसका शेयर अपने निवेशकों को लंबी अवधि में उच्च रिटर्न देने में सक्षम है। कंपनी वित्तीय रूप से स्थिर है और वह कुशल प्रबंधन प्रथाओं का पालन करती है।
दुनिया में भारत की स्थिति मजबूत
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र ताकतवर है। घरेलू शेयर बाजार की सफलता में इसका महत्वपूर्ण योगदान है। साथ ही, कंपनियों के आरओई आंकड़े बताते हैं कि लंबी अवधि में तेज आर्थिक विकास के लिए भारत के पास मजबूत आधार है। भारतीय अर्थव्यवस्था किसी भी चुनौतियों से निपटने में सक्षम है। ये कारक वैश्विक वित्तीय परिदृश्य में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करते हैं।
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