नई दिल्ली। आर्थिक वृद्धि को रोककर महंगाई को काबू में लाने के लिए ब्याज दरें बढ़ाने का सिलसिला पूरी दुनिया में चल रहा है। जनवरी से लेकर नवंबर तक प्रमुख देशों में दर बढ़ाने के मामले में भारत नौवें स्थान पर है। भारत ने इस साल नीतिगत दर में 2.25 फीसदी की बढ़ोतरी की है, जबकि अर्जेंटीना ने सबसे अधिक 37 फीसदी की वद्धि की है।
भारत से कम दर बढ़ाने के मामले में यूरो जोन सहित चार देश रहे हैं। यूरो जोन में 2 फीसदी ब्याज दर बढ़ी है। फ्रांस, इटली व जर्मनी ने भी 2-2 फीसदी दर बढ़ाया है। कनाडा के केंद्रीय बैंक ने 3.5 फीसदी, दक्षिण अफ्रीका ने 3.25 फीसदी की बढ़त की है। भारत में लगातार पांच बार दरों को बढ़ाने से खुदरा महंगाई 7 फीसदी से नीचे आ गई है और अगर यह नवंबर में 6 फीसदी पर आती है तो फरवरी में 0.25 फीसदी की बढ़त एक बार और हो सकती है।
कोटक महिंद्रा के एमडी उदय कोटक ने कहा, महंगाई को 6 फीसदी से नीचे लाने के लिए आरबीआई एक बार और दर बढ़ा सकता है। हालांकि, वह इसे 4 फीसदी तक लाने की कोशिश करेगा। सीआईआई के कार्यक्रम में उन्होंने कहा, अमेरिकी केंद्रीय बैंक की इस महीने होने वाली बैठक से आगे का संकेत मिलेगा। फेड रिजर्व ने भी नीतिगत दर बढ़ाने की रफ्तार धीमी कर दी है।
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