नई दिल्ली। भारत मकानों की कीमतों में सालाना बढ़ोतरी के मामले में दुनियाभर के देशों में 51वें स्थान पर पहुंच गया है। 2021-22 की अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में देश में मकानों की कीमतों में 2.1 फीसदी इजाफा हुआ है। नाइटफ्रैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में मकानों की कीमतें बढ़ने के मामले में भारत वैश्विक सूची में पांच स्थान की छलांग लगाकर 51वें स्थान पर पहुंच गया है। 2020 की समान तिमाही भारत 56वें स्थान पर था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 की जनवरी-मार्च में भारत में मकानों की कीमतों में दो फीसदी का इजाफा हुआ था। हालांकि, दूसरी तिमाही में इसमें 1.9 फीसदी की गिरावट आई थी। उसके बाद 2020 की तीसरी तिमाही में कीमतें 2.4 फीसदी और चौथी तिमाही में 3.6 फीसदी बढ़ी थीं। वहीं, देश में मकानों के दाम 2021 की पहली तिमाही में 1.6 फीसदी व दूसरी तिमाही में 0.5 फीसदी बढ़े थे।
तुर्की में सबसे ज्यादा 59.6 फीसदी बढ़ीं कीमतें
रिपोर्ट के मुताबिक, आलोच्य तिमाही में तुर्की में मकानों की कीमतों में सालाना आधार पर सबसे तेज 59.6 फीसदी की वृद्धि हुई। न्यूजीलैंड में मकानों के दाम 22.6 फीसदी, चेक गणराज्य में 22.1 फीसदी, स्लोवाकिया में 22.1 फीसदी और ऑस्ट्रेलिया 21.8 फीसदी बढ़े हैं। हालांकि, मलयेशिया, माल्टा और मोरक्को में दाम क्रमश: 0.7 फीसदी, 3.1 फीसदी और 6.3 फीसदी की गिरावट देखने को मिली।
तेजी पर महंगाई का भी असर
नाइटफ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि महामारी से प्रभावित होने के बाद मकान की कीमतों में सुधार एक वैश्विक घटना है। कीमतों में तेजी पर महंगाई का भी असर रहा है। भारत के मामले में मकानों की कीमतों में मामूली वृद्धि देखने को मिली है। महामारी के बाद लोगों में घर खरीदने की दिलचस्पी बढ़ी है। इससे भी कीमतों के समर्थन मिला है।
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