नई दिल्ली। दुनिया में भुखमरी को लेकर नई रिपोर्ट (Global Hunger Index, 2023) जारी की गई है, जिसमें भारत को 111वें स्थान बताया गया है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है। इसके साथ ही सरकार और दो अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठनों के बीच लंबे समय से चली आ रही लड़ाई गुरुवार को फिर से शुरू हो गई। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (Ministry of Women and Child Development) ने ग्लोबल हंगर इंडेक्स (Global Hunger Index) को खारिज कर दिया, जिसमें भारत को 125 देशों में से 111वें स्थान पर रखा गया था।
केंद्र सरकार (Central Govt.) ने कहा कि सूचकांक गंभीर कार्यप्रणाली संबंधी मुद्दों से ग्रस्त है और दुर्भावनापूर्ण इरादे को दर्शाता है। सूचकांक में भारत की रैंकिंग को खारिज करते हुए, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि सूचकांक भूख का एक गलत माप है और गंभीर पद्धतिगत मुद्दों से ग्रस्त है। सूचकांक की गणना के लिए उपयोग किए जाने वाले चार संकेतकों में से तीन बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित हैं और पूरी आबादी का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते हैं। चौथा और सबसे महत्वपूर्ण संकेतक ‘अल्पपोषित (पीओयू) जनसंख्या का अनुपात’ 3,000 के बहुत छोटे नमूना आकार पर किए गए एक जनमत सर्वेक्षण पर आधारित है।”
आपको बता दें कि इस सूचकांक में भारत का स्कोर 28.7 है, जो भुखमरी के गंभीर स्तर को दर्शाता है। वहीं, पड़ोसी देशों में पाकिस्तान (102वें), बांग्लादेश (81वें), नेपाल (69वें) और श्रीलंका (60वें) स्थान पर है। भारत ने दक्षिण एशिया और दक्षिण अफ्रीका से बेहतर प्रदर्शन किया।
इंडेक्स के मुताबिक, भारत में अल्पपोषण की दर 16.6 प्रतिशत और पांच साल से कम उम्र की मृत्यु दर 3.1 प्रतिशत है। 15 से 24 वर्ष की आयु की महिलाओं में एनीमिया की व्यापकता 58.1 प्रतिशत है। सूचकांक के अनुसार, भारत में बच्चों की कमजोरी की दर दुनिया में सबसे अधिक 18.7 प्रतिशत है, जो तीव्र अल्पपोषण को दर्शाती है।
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