ब्रिक्स देशों की मीटिंग में भारत ने एक बार फिर से सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा उठाया. भारत ने ब्रिक्स देशों की इस बैठक में साफ-साफ कह दिया कि अगर दुनिया से आतंकवाद का दंश खत्म करना है तो कुछ देशों को हमें जिम्मेदार ठहराना ही पड़ेगा.
भारत ब्रिक्स देशों की दो वर्चुअल मीटिंग में शामिल हुआ है. इन बैठकों में भारत ने आतंक और सीमापार प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा प्रमुखता से उठाया है.
विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल हुए. इस मीटिंग को ब्रिक्स देशों के मौजूदा अध्यक्ष रूस ने बुलाया था. दूसरी मीटिंग ब्रिक्स काउंटर टेररिज्म वर्किंग ग्रुप की थी. इस बैठक में विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव महावीर सिंघवी शामिल हुए.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया और ब्रिक्स देशों के बीच ज्यादा सहयोग की वकालत की. उन्होंने BRICS काउंटर टेररिज्म की रणनीति पर संतोष जताया.
इंडिया टुडे को मिली जानकारी के मुताबिक ब्रिक्स काउंटर टेररिज्म स्ट्रेटेजी की बैठक में भारत ने सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा उठाया और पाकिस्तान द्वारा आतंकी संगठनों को दिए जा रहे सहयोग पर दुनिया का ध्यान आकर्षित किया.
भारत ने कहा कि यदि आतंकवाद के मुद्दे का खात्मा करना है तो देशों को उनके कदमों के लिए जिम्मेदार घोषित करना होगा. भारतीय राजनयिकों ने इस मुद्दे को चीन के सामने प्रमुखता से रखा.
इस बाबत ब्रिक्स फोरम ने एक बयान जारी कर कहा कि इस सेशन की मुख्य कामयाबी ब्रिक्स काउंटर टेररिज्म रणनीति के ड्राफ्ट को मंजूरी देना शामिल है. इससे ब्रिक्स के पांच देश आतंकवाद से लड़ने में और ज्यादा मजबूत तरीके से एकजुट होंगे. ब्रिक्स काउंटर टेररिज्म रणनीति को सदस्य राष्ट्र इस साल अक्टूबर में होने वाले ब्रिक्स समिट में औपचारिक रूप से लागू करने की घोषणा करेंगे.
इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रिक्स के सदस्य देशों को भरोसा दिलाया कि 2021 में ब्रिक्स का अध्यक्ष होने के नाते भारत ब्रिक्स के सदस्य देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा मुद्दों पर रिश्तों को मजबूत करने में जुटा रहेगा. विदेश मंत्री ने संकेत दिया कि भारत ब्रिक्स के ढांचे को और मजबूत करेगा और इसके उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सांस्थानिक फ्रेमवर्क मुहैया कराएगा.
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