नई दिल्ली। भारत ने मूडीज के उन मानदंडों पर सवाल उठाए, जिनके आधार पर वह विभिन्न देशों को क्रेडिट रेटिंग देती है। साथ ही, अपनी सॉवरेन रेटिंग बढ़ाने की वकालत की। सूत्रों के मुताबिक, सॉवरेन रेटिंग की वार्षिक समीक्षा से पहले क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विसेज के प्रतिनिधियों ने भारत सरकार के अधिकारियों से मुलाकात की। इस दौरान अधिकारियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था के सुधारों और मजबूत बुनियादी बातों पर प्रकाश डाला।
बैठक के बाद एक अधिकारी ने कहा, अमेरिकी रेटिंग एजेंसी ने भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और सकारात्मकता को स्वीकार किया है। हम उसकी ओर से रेटिंग में सुधार को लेकर आशान्वित हैं। बैठक में अर्थव्यवस्था से जुड़े सभी मंत्रालयों के अलावा नीति आयोग के अधिकारी भी मौजूद रहे।
इसलिए रेटिंग बढ़ाने पर जोर
सरकार ने कहा, अर्थव्यवस्था मजबूत है। कर्ज दायित्वों के भुगतान में हमारी क्षमता मजबूत है। देश में आर्थिक सुधारों के साथ बुनियादी ढांचे का विकास हो रहा है। 600 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है। इसलिए, भारत की सॉवरेन रेटिंग में संशोधन किया जाना चाहिए।
सुधार से क्या होगा असर
भारत की सॉवरेन रेटिंग में सुधार का मतलब होगा कि देश कम जोखिम वाला है। जीडीपी मजबूत है। लिहाजा, उसे कम ब्याज पर कर्ज मिलेगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved