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    भारत ने पाकिस्तान के समक्ष रखी करतारपुर साहिब की यात्रा पासपोर्ट मुक्त करने की मांग

  • August 15, 2022

    नई दिल्ली। भारत (India) चाहता है कि सिखों के धर्मस्थल (shrine of Sikhs) करतारपुर साहिब (Kartarpur Sahib) की यात्रा को पाकिस्तान सरकार (Pakistan Government) पासपोर्ट मुक्त (passport free) करे तथा प्रति यात्रा पर लिए जाने वाले सेवा शुल्क को भी हटाएं। विदेश मंत्रालय पाकिस्तान के समक्ष इस मुद्दे को उठा रहा है। हालांकि, अभी तक कोई सकारात्मक पहल पाकिस्तान की तरफ से नहीं आई है।

    आवाजाही सुगम हो सकेगी
    करतारपुर साहिब में तीर्थ यात्रियों की आवाजाही सुगम बनाने के लिए लंबे इंतजार के बाद नवंबर 2019 में करतारपुर कॉरिडोर को खोला गया था जो भारतीय सीमा से तीन किलोमीटर लंबा एक कॉरिडोर है जिसे विशेष रूस से दरबार साहिब के लिए बनाया गया है।


    गुरुनानक की 550वीं जयंती से पहले खोला गया था
    पाकिस्तान ने गुरुनानक की 550वीं जयंती से ठीक पूर्व इसे भारतीय सिखों के लिए खोला गया था। अब तक इस कॉरिडोर के जरिये एक लाख से ज्यादा सिख तीर्थ यात्री करतारपुर साहिब के दर्शन कर चुके हैं। लेकिन पाकिस्तान की तरफ से इसमें अभी भी कई अड़चनें लगा रखी हैं।

    यात्रा पूरी तरह से वीजा मुक्त है
    सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान द्वारा यात्रियों से प्रति यात्रा 20 डॉलर की राशि ली जाती है। जबकि यात्रा पूरी तरह से वीजा मुक्त है। यह राशि सेवा शुल्क के नाम पर ली जाती है। जबकि दोनों देशों के बीच हुए समझौते में इसका कोई जिक्र नहीं था। भारत इस मुद्दे को पाकिस्तान के समक्ष उठा चुका है। भारत का कहना है कि तीर्थ यात्रियों से इस शुल्क को वसूलने का कोई औचित्य नहीं है।

    सिख संगठन भी कर रहे मांग
    इसी प्रकार सिख संगठनों की तरफ से यह मांग भारत सरकार के समक्ष रखी गई है कि जब यात्रा वीजा मुफ्त है तो इसमें पासपोर्ट की अनिवार्यता भी खत्म की जाए। दरअसल, दोनों देशों के बीच अक्तूबर 2019 में हुए समझौते के तहत करतारपुर कॉरिडोर के जरिये वही सिख यात्रा कर सकेंगे जिनके पास पासपोर्ट हो।

    सूत्रों के अनुसार भारत सरकार इस बात पर सहमत है तथा वह पासपोर्ट की अनिवार्यता हटाने के पक्ष में है, जिसके जगह पहचान के लिए भारत सरकार द्वारा प्रदत्त कोई भी अन्य दस्तावेज इस्तेमाल किया जा सकता है। इस मुद्दे को भी सरकार पाकिस्तान के समक्ष उठाने की तैयारी कर रही है। यदि पाकिस्तान तैयार होता है तो पिछले समझौते में बदलाव करने होंगे।

    एक लाख से अधिक लोग कर चुके इस्तेमाल
    नौ नवंबर 2019 को करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद से इस कॉरिडोर का इस्तेमाल 1,10,670 से अधिक भारतीयों और ओसीआई कार्ड धारकों द्वारा गुरुद्वारा दरबार करतारपुर जाने के लिए किया गया है। भारत-पाकिस्तान के बीच 24 अक्तूबर 2019 को करतारपुर की यात्रा सुविधाजनक बनाने के लिए करार पर हस्ताक्षर हुए थे।

    शिरोमणि अकाली दल ने संसद में उठाया था मुद्दा
    लोकसभा में पिछले महीने शिरोमणि अकाली दल सांसद हरसिमरत कौर बादल ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारे जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए पासपोर्ट रहित यात्रा का मुद्दा उठाया था। उन्होंने पूछा था कि क्या सरकार यह जानती है कि बड़ी संख्या में सिख आबादी करतारपुर साहिब कॉरिडोर के जरिये श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के लिए पासपोर्ट-मुक्त यात्रा की मांग कर रही है।

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