सुर्खियों में बनी पाकिस्तानी सेना द्वारा खेतों में ट्रैक्टर चलाए जाने की चर्चा
नई दिल्ली। भारत [India] को आए दिन युद्ध की गीदड़ भभकी देने वाले पाकिस्तान [Pakistan] की सेना अब टै्रक्टर भी चलाने वाली है। सुनने में आश्चर्य जरूर लगता है, लेकिन यह पाकिस्तानी सेना [Army] की मजबूरी भी बन गई है। दरअसल, भुखमरी से घिरे पाकिस्तान की आवाम [People] दाने-दाने को मोहताज है, इसलिए पाक सेना वहां खेती [Farming] करके भूखे पाकिस्तानियों का पेट भरने की कोशिश में जुट गई है। इसके लिए उसने भारत की राजधानी दिल्ली [Delhi] से तीन गुना अधिक जमीन (चार लाख हेक्टेयर से अधिक ) 30 साल के लिए लीज पर ली है।
-आतंकवाद [ Terrorism] की फसल उगाने वाले क्या खेती कर पाएंगे?
हालांकि, सेना के इस कदम को लेकर पाकिस्तान के लोग ही चाटखारे लगा रहे हैं। क्योंकि, उन्हें यकीन करना मुश्किल हो रहा है कि जो पाकिस्तान अपनी धरती से आतंकवाद की फसल उगा रहा है, वह उसी धरती से खेतों में हल चलाकर आवाम का पेट भर सकेगा? आतांकवाद की फसल उगाने वाले क्या खेती कर पाएंगे…? यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन पाकिस्तानी सेना द्वारा खेतों में ट्रैक्टर चलाए जाने की चर्चा सुर्खियों में बनी है।
-बंजर जमीन और आतंक का साया
पाकिस्तान की कृषि उत्पादकता बढ़ाने और खाद्य आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए सेना शुरुआत में एक हजार एकड़ जमीन पर खेती करेगी और फिर दक्षिण वजीरिस्तान के जरमलम् क्षेत्र में 41 हजार एकड़ भूखंड पर उसका विस्तार करेगी। यह भूखंड वर्षों से बंजर है। यह क्षेत्र अफगानिस्तान सीमा के करीब भी है और यहां आए दिन आतंकवादी हमले भी होते रहते हैं। खासकर सेना के जवानों को ही निशाना बनाया जाता है।
-यहां से होगी शुरुआत
पकिस्तानी सेना अशांत दक्षिण वजीरिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में 17,000 हेक्टेयर से अधिक जमीन पर खेती करेगी। दक्षिण वजीरिस्तान में सेना द्वारा ली गई जमीन जटिल पहाड़ियों और चोटियों वाला एक ऊबड़-खाबड़ इलाका है, जहां भीषण गर्मी और सर्दियों में भीषण ठंड पड़ती है और जहां सिंचाई की कोई व्यवस्था भी नहीं है, यहां सेना बड़े पैमाने पर खेती कैसे कर सकेगी?
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