रूस ने दिया बैठक का प्रस्ताव
नई दिल्ली। कोरोना काल में जहां मीटिंग्स सिर्फ वीडियो कॉन्फ्रेंस तक सिमट गई हैं वहां भारत, पाकिस्तान और चीन के विदेश मंत्री अगले महीने आमने-सामने हो सकते हैं। तीनों देशों के विदेश मंत्रियों की यह मुलाकात रूस में हो सकती है। बैठक का यह प्रस्ताव भी रूस की तरफ से ही आया है।
दरअसल, रूस ने यह प्रस्ताव रखा है कि संघाई कॉर्पोरेशन ऑर्गेनाइजेशन और ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों की मीटिंग रखी जाए। इसके लिए 10 सितंबर की तारीख तय की गई है। अगर ऐसा होता है तो विदेश मंत्री जयशंकर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और चीनी समकक्ष वांग यी के सामने होंगे। मई में चीन-भारत के बीच गतिरोध के बाद यह पहली मीटिंग होगी। रूस ने भारत समेत सभी देशों से कहा है कि वह वीडियो कॉन्फ्रेंस नहीं आमने-सामने की बैठक चाहता है।
दरअसल, अक्टूबर में SCO और ब्रिक्स के समिट होने हैं। उससे पहले ये मीटिंग होनी थी। लेकिन कोरोना वायरस महामारी की वजह से अब तक टलती रहीं। एनएसए अजित डोभाल की भी अपने समक्ष अधिकारियों से मीटिंग होनी है लेकिन उसकी भी तारीख तय नहीं है। कोरोना काल में अभी बस गृह मंत्री राजनाथ सिंह ही विदेश यात्रा पर गए हैं। वह जून में मॉस्को गए थे। तब रूस की विक्ट्री डे परेड थी।
भारत की तरह पाकिस्तान भी अब SCO का फुल टाइम मेंबर है। हालांकि, मीटिंग में पाकिस्तान के साथ मीटिंग से ज्यादा लोगों की जिज्ञासा यह जानने में रहेगी कि चीन और भारत वहां क्या बात करते हैं। बता दें कि जयशंकर और वांग पहले फोन पर लद्दाख गतिरोध पर बात कर चुके हैं। यह मीटिंग भी रूस ने ही करवाई थी। यह वर्चुअल मीट गलवान में 15 जून को हिंसक झड़प के बाद ही हुई थी।
लद्दाख बॉर्डर पर चीन के साथ चल रही टेंशन के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर चीन पर बयान दे चुके हैं। चीन के मुद्दे पर एस जयशंकर बोले कि चीन के साथ संतुलन तक पहुंचना आसान नहीं है। भारत को उसका विरोध करना होगा और मुकाबले के लिए खड़ा होना ही होगा।
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