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    भारत में अब दक्षिण अफ्रीकी स्ट्रेन का खतरा बड़ा, चार नए पॉजिटिव मिले

  • February 16, 2021

    नई दिल्ली। देश में कोविड-19 वैश्विक महामारी की स्थिति को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। यहां जानकारी दी गई कि देश में कोरोना के यूके (यूनाइटेड किंगडम) स्ट्रेन से संक्रमित 187 मामले हैं और 24 देशों को भारत ने वैक्सीन पहुंचाई है। इसके साथ ही देश में दक्षिण अफ्रीका में मिले स्ट्रेन के भी चार मामले पाए गए हैं।


    केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि अभी तक देश में वैक्सीन की 87 लाख 40 हजार 595 खुराकें दी जा चुकी हैं। 85 लाख 69 हजार 917 लोगों को पहली खुराक दी गई जबकि एक लाख 70 हजार 678 लोगों को दूसरी खुराक दी गई।

    देश में कोरोना के सक्रिय मामले 1.40 लाख से भी कम बचे हैं। संचयी सकारात्मकता दर 5.27 फीसदी है। भूषण ने बताया कि देश के कुल सक्रिय मामलों के 72 फीसदी मामले दो राज्यों से हैं। इनमें केरल और महाराष्ट्र शामिल हैं। केरल में कोरोना संक्रमण के 61,550 सक्रिय मामले हैं, वहीं महाराष्ट्र में इनकी संख्या 37,383 है। भूषण ने बताया कि देश में पिछले सात दिनों में प्रति 10 लाख की आबादी पर 56 नए मामले सामने आए हैं।

    केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि राजस्थान, सिक्किम, झारखंड, मिजोरम, केरल, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड और लक्षद्वीप 70 फीसदी से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना वैक्सीन की खुराक लगा चुके हैं। इसके अलावा लद्दाख, झारखंड, असम, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, त्रिपुरा, गुजरात और गोवा ने 60 फीसदी पात्र स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन की दूसरी खुराक दी है।

    यूके स्ट्रेन के 187 मामले
    प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद रहे आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने बताया कि आज की तारीख में भारत में कोरोना के यूके स्ट्रेन से संक्रमित 187 मरीज हैं। सभी पुष्ट मामलों को क्वारंटीन किया गया है और उनका इलाज चल रहा है। उनके संपर्क में आए लोगों को पृथकवास में रखा जा रहा है और जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि जो वैक्सीन हमारे पास है वह कोरोना के यूके वेरिएंट को रोकने में भी सक्षम है।

    दक्षिण अफ्रीकी स्ट्रेन के हन मामलों की पुष्टि
    डॉ. भार्गव ने आगे बताया कि आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) और एनआईवी (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी) कोरोना वायरस के दक्षिण अफ्रीका में पाए गए प्रकार को आइसोलेट करने और उसके बारे में जानने के प्रयास कर रहे हैं। भारत में दक्षिण अफ्रीका से से लौटने वाले चार लोगों में इसकी पुष्टि हुई है। सभी यात्रियों और उनके संपर्क में आए लोगों को क्वारंटीन किया गया है और जांच की गई है।

    यूके से अलग हैं अफ्रीका और ब्राजील के स्ट्रेन
    उन्होंने कहा कि कोरोना के ब्राजील में सामने आए प्रकार का एक मामला फरवरी के पहले सप्ताह में सामने आया था। आईसीएमआर-एनआईवी में वायरस स्ट्रेन को सफलतापूर्वक आइसोलेट औक कल्चर कर लिया गया था। दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में सामने आए कोरोना के प्रसार यूके में सामने आए प्रकार से अलग हैं। वहीं, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल ने बताया कि भारत से अभी तक 24 देशों को वैक्सीन भेजी गई है।

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