नई दिल्ली । चीन ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के भारत के साथ संबंधों के महत्व को रेखांकित करने वाले हालिया बयान पर सहमति जताते हुए कहा है कि संबंधों को सीमा विवाद से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को कहा था कि पूर्वी लद्दाख के घटनाक्रम के बाद भारत-चीन संबंध आज दोराहे पर आ गए हैं। आगे क्या विकल्प चुने जाते हैं। इससे दो राष्ट्रों ही नहीं बल्कि पूरे विश्व पर गहरा असर होगा।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने एक सवाल के जवाब में कहा है कि विदेश मंत्री जयशंकर का बयान दर्शाता है कि भारत दोनों देशों के संबंधों को महत्व देता है। चीन भी इसका समर्थन करता है। इस बीच वह इस बात पर जोर देते हैं कि सीमा मुद्दे को द्विपक्षीय संबंधों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पिछले दशकों के दौरान दोनों देशों ने संबंधों को आगे बढ़ाने के बारे में कई महत्वपूर्ण सबक सिखे हैं। उन्हें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष मतभेदों को ठीक से संभालने, व्यावहारिक सहयोग को बढ़ावा देने और द्विपक्षीय संबंधों को सही रास्ते पर लाने के लिए चीन के साथ काम करेगा।
चाइनिज स्टडिस के 13 वें अखिल भारतीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को भारत-चीन संबंधों के भूत और वर्तमान की वास्तविकता को स्पष्ट रेखांकित किया और बताया कि भविष्य के लिए क्या जरूरी है। उन्होंने संबंधों के विकास के लिए सम्मान, संवेदनशिलता और आपसी हितों का ध्यान रखने को जरूरी बताते हुए आठ नियमों के पालन पर जोर दिया।
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